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फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 1 हजार करोड़ की ठगी का खुलासा, दो शातिर गिरफ्तार, बढ़ सकता है आंकड़ा - DIGITAL FRAUD

श्रीगंगानगर पुलिस ने ऑपरेशन 'साइबर शील्ड' के तहत दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 1 हजार करोड़ रुपए ठगे.

1 हजार करोड़ की ठगी
श्रीगंगानगर में 1 हजार करोड़ की ठगी का खुलासा (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 28, 2025, 10:02 PM IST

श्रीगंगानगर :जिले की पुलिस ने साइबर ठगी के एक मामले का पर्दाफाश करते हुए ऑपरेशन 'साइबर शील्ड' के तहत बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में एसपी गौरव यादव के नेतृत्व में दो शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है. उनके कब्जे से 10 लाख रुपए नकद, 6 मोबाइल फोन और एक लग्जरी कार जब्त की गई है.

पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि यह गिरोह फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर कई गुना रिटर्न का झांसा देकर देशभर के सैकड़ों लोगों से हजारों करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है. इस मामले में अब तक करीब 1,000 करोड़ रुपए की ठगी के प्रमाण मिले हैं. एसपी गौरव यादव ने बताया कि विस्तृत जांच के बाद यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.

एसपी गौरव यादव (ETV Bharat Sri Ganganagar)

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ऐसे हुआ खुलासा :इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कर्नाटक के एक व्यक्ति बाबू चौहान ने शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर उनके और अन्य कई लोगों के साथ करोड़ों रुपए की ठगी की गई है. पुलिस ने जब मामले की गहन जांच की तो पाया कि गिरोह लोगों को शुरुआत में लालच देकर कुछ पैसे वापस करता था ताकि वे भरोसा कर सकें. इसके बाद वे बड़े अमाउंट की ठगी को अंजाम देते थे.

76,000 से ज्यादा शिकायतें :देशभर में इस गिरोह के खिलाफ 76,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं. एसपी यादव ने बताया कि साइबर ठगों ने अलग-अलग खातों में पैसे डलवाए और कई पोर्टल्स के जरिए इस गोरखधंधे को अंजाम दिया. मामले की गहन जांच के दौरान शिकायतकर्ता कर्नाटक से श्रीगंगानगर पहुंचे और अपनी मेहनत की कमाई वापस दिलाने की अपील की. उन्होंने एसपी गौरव यादव से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि इस ठगी ने उनकी पूरी जिंदगी की बचत को बर्बाद कर दिया है.

उन्होंने बताया कि कुछ समय तक उन्हें रिटर्न के साथ पैसा वापस किया जाता रहा, लेकिन जब उन्होंने बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट किया, तब अचानक से सॉफ्टवेयर बंद कर दिया गया और कंपनी के लोग दुबई भाग गए. आठ महीने बाद उन ठगों ने उन्हें श्रीगंगानगर बुलाया और मामला सेटल करने की बात कही. फिलहाल इस मामले में पुलिस आगे की जांच में जुटी हुई है और अन्य ठगों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

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