पलामू:नक्सलियों के गढ़ में स्प्लिंटर ग्रुप का साया बढ़ता जा रहा है. स्प्लिंटर ग्रुप में वैसे सदस्य हैं जो कभी नक्सलियों के भी सदस्य रहे हैं. अभिभाजित बिहार में पलामू के इलाके से ही नक्सल के हिंसक दौर की शुरुआत हुई थी. फिलहाल भाकपा माओवादी के कमजोर होने के बाद टीएसपीसी, जेजेएमपी जैसे नक्सल संगठन मजबूत हुए थे. बाद में दोनों संगठनों के कमजोर होने के बाद आपराधिक गिरोह के रूप में स्प्लिंटर ग्रुप ने जन्म लिया है. स्प्लिंटर ग्रुप में में टीएसपीसी और जेजेजेमपी जैसे नक्सल संगठनों से अलग हुए सदस्य शामिल हैं. इस तरह का ग्रुप रंगदारी या लेवी के लिए हिंसक घटनाओं को अंजाम देता है.
कुछ दिनों पहले लातेहार की इलाके में एक वार्ड आयुक्त की हत्या हुई है. घटनास्थल पर नक्सल संगठन के नाम पर एक पर्चा छोड़ा गया था. बाद में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद स्प्लिंटर ग्रुप का खुलासा हुआ. इसके अलावा लातेहार के बालूमाथ के इलाके में आगजनी की घटनाएं हुई थी. 2 महीने में आधा दर्जन के करीब आगजनी की घटनाएं हुई थीं, पुलिस ने कई अपराधियों को गिरफ्तार किया था जिसके बाद पता चला की नई तरह के स्प्लिंटर ग्रुप ने घटनाओं को अंजाम दिया है.
पलामू पुलिस ने चोरी की एक मामले में कार्रवाई करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार अपराधियों में एक पूर्व नक्सली था. यह भी एक नया गिरोह बना था. कुख्यात सोना लुटेरा मोनू सोनी उर्फ बुकी के साथ पुलिस की पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में जिस अपराधी को गोली लगी थी वह पूर्व नक्सली था. पूर्व नक्सली मोनू सोनी के गिरोह में शामिल हुआ था. वह झारखंड छत्तीसगढ़ के कई अपराधी घटनाओं में शामिल रहा था.
जेल से निकलने वाले अपराधियों पर नजर,