पटना : वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र की सरकार बजट पेश करने जा रही है. बजट से देशवासियों को जहां काफी उम्मीदें हैं वहीं बिहारवासियों को भी नरेंद्र मोदी सरकार से राहत की उम्मीद है. कमरतोड़ महंगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. नीतीश कुमार तीसरी बार एनडीए का हिस्सा हुए हैं.
बिहार को आम बजट से उम्मीद: मोदी सरकार के तीसरे टर्म में एनडीए का हिस्सा होने के बाद पहली बार बजट पेश हो रहा है. लोकसभा चुनाव के चलते जुलाई महीने में बजट पेश किया जा रहा है. 2024-25 का बजट इसलिए महत्वपूर्ण है कि बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस और स्पेशल पैकेज की मांग उठ रही है. हालांकि सरकार ने इस मांग को खारिज कर दियाहै.
राहत चाहता है बिहार: नीति आयोग की रिपोर्ट से बिहार एक बार फिर अर्थशास्त्रियों की चिंता बढ़ा दी है. ज्यादातर इंडेक्स में बिहार निचले स्थान पर है. भले ही बिहार का विकास दर 9.8% है, लेकिन ह्यूमन इंडेक्स चिंता का सबब है. बिहार तभी तरक्की की राह पर देश के साथ कदम ताल कर सकेगा जब बिहार जैसे राज्य को अतिरिक्त सहायता दी जाएगी. बिहार ड्राई स्टेट है और राज्य के पास सीमित संसाधन हैं. आम लोगों के कंधों पर टैक्स का बोझ भी बड़ा है. डबल इंजन की सरकार से आम लोग भी राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लोग चाहते हैं की इनकम टैक्स स्लैब में छूट दी जाए.
'टैक्स स्लैब में मिले छूट': अर्पण वर्मा एमबीए की डिग्री हासिल कर चुकी हैं. कमरतोड़ महंगाई उनके लिए चिंता का विषय है. इनका मानना है कि वर्तमान सरकार को मध्यम वर्ग की चिंता नहीं है या तो योजना गरीबों के लिए बनती है या फिर लाभ पूंजीपतियों को मिलता है, हम लोग टैक्स स्लैब में छूट चाहते हैं. इसके अलावा होम लोन पर इंटरेस्ट कम होना चाहिए. सरकार को महंगाई पर भी नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए.
'बिहार में भी मिले मुफ्त बिजली': रितु सिंह कहती है कि जिस तरीके से केंद्र की सरकार ने खाद्य सामग्रियों पर जीएसटी लगाया है, उसका सीधा असर हमारे रसोई पर पड़ रहा है. बजट बढ़ गया है. गैस की कीमतों में भी कमी आनी चाहिए. बहुत से राज्यों में मध्यम वर्गीय परिवार को मुफ्त बिजली मिलती है. बिहार जैसे राज्यों में भी यह व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए.