लखनऊ/कुशीनगर :कुशीनगर के हाटा नगर में रविवार को बुलडोजर और पोकलैंड ने मदनी मस्जिद के आगे के हिस्से को तीन ओर से ध्वस्त कर दिया था. इसके अलावा गंभीर आरोप में मुकदमा भी दर्ज किया गया था. इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने सियासत तेज कर दी. सपा की ओर से प्रतिनिधिमंडल भेजने का ऐलान किया गया था. इसी कड़ी में मंगवलार को सपा का 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कुशीनगर की मदनी मस्जिद पहुंचा और और ध्वस्तीकरण मामले की जानकारी जुटा रहा है. शाम तक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ रवाना हो जाएगा. पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट पार्टी के प्रदेश कार्यालय को सौंपी जाएगी.
कौन-कौन हैं प्रतिनिधिमंडल में: लाल बिहारी यादव, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद, ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी, राधेश्याम सिंह, बालेश्वर यादव, अजय प्रताप सिंह (पिंटू सैंथवार), शुकुरुल्लाह अंसारी, डॉ. पूर्णमासी देहाती, राम अवध यादव, डॉ. मोहसिन, राजेश प्रताप राव (बंटी भैया), विक्रमा यादव, रणविजय सिंह, डॉ. उदय नारायण, इलियास अंसारी, जफर अमीन 'डक्कू', बृजेश कुमार गौतम, शब्बीर कुरैशी और सचिन्द्र यादव शामिल हैं.
ये था पूरा मामलाः बता दें कि कुशीनगर के हाटा नगर में रविवार को बुलडोजर और पोकलैंड ने मदनी मस्जिद के आगे के हिस्से को तीन ओर से ध्वस्त कर दिया था. इस मामले को लेकर सपा ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. प्रशासन का क्या कहना है : जांच में पाया गया कि मस्जिद कमेटी ने नगर पालिका की अनुमति का उल्लंघन कर निर्माण कार्य कराया. कमेटी के आय-व्यय में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं और निर्माण में घोषित आय से अधिक धन के उपयोग का मामला सामने आया है. पुलिस ने लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है. प्रशासन के मुताबिक, जिस जमीन पर मस्जिद बनी थी, वह राजस्व रिकॉर्ड में पुलिस थाने के नाम दर्ज है. बावजूद इसके, मस्जिद का निर्माण किया गया. जांच में यह भी सामने आया है कि वहां धर्म परिवर्तन की गतिविधियां संचालित होने का आरोप है.
मुस्लिम पक्ष ने किया तर्क दिया है :इस मामले में मुस्लिम पक्ष के जाकिर खान ने प्रशासन के आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि 32 डिसमिल जमीन जाकिर हुसैन और अजमतुन निशा के नाम से खरीदी गई थी, जिसमें से 30 डिसमिल पर मस्जिद बनाई गई. बाकी 2 डिसमिल जमीन अभी भी उनके ही नाम पर है. उनका कहना है कि विवादित जमीन बाउंड्री के बाहर है, जिसका मस्जिद से कोई लेना-देना नहीं है. मस्जिद कमेटी ने ईदगाह के बाद की जमीन पर स्टे लिया हुआ है, लेकिन प्रशासन ने इसे गलत तरीके से पेश किया.
दंगा भड़काने की कोशिश में प्रशासनःसपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मदनी मस्जिद पहुंचकर पक्षकारों से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी ली. मस्जिद के स्वीकृत नक्शे से अधिक निर्माण के कारण प्रशासन ने कुछ हिस्से को ध्वस्त कर दिया था. इस मौके पर लाल बिहारी यादव ने कहा कि मस्जिद जिस भूमि पर बनी है, उसका सीमांकन बैनामे के बाद किया गया था. 29 डिसमिल के बैनामे में से 28 डिसमिल पर निर्माण है. जब तहसील की टीम ने सीमांकन किया था तो मस्जिद को अवैध कैसे माना जा सकता है. इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष ने प्लेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने संभल की कार्रवाई के बाद सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि बुलडोजर की कार्रवाई रोककर न्यायिक प्रक्रिया का पालन करें. यादव ने कहा कि सरकारी तंत्र ने संविधान और कानूनी अधिकारों की अवहेलना करते हुए बुलडोजर की कार्रवाई की, जिससे हिंसा भड़क सकती थी. उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय की सहनशीलता की सराहना की. सपा कमेटी जल्द ही इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेगी. नेता प्रतिपक्ष ने स्पष्ट किया कि जनता की आवाज विधानसभा में उठाना उनकी प्राथमिकता है. मस्जिद के नक्शे को लेकर नगर पालिका कार्यालय में गड़बड़ी की गई है.
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