ETV Bharat / bharat

शस्त्र लाइसेंस का निस्तारण नहीं होने पर हाईकोर्ट नाराज, डीएम की सैलरी से हर दिन 100 रुपये काटने का आदेश दिया - ALLAHABAD HIGH COURT ORDER

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि लाइसेंस आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण नहीं होना लाल फीताशाही, भ्रष्ट आचरण है.

Photo Credit- ETV Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 11, 2025, 10:33 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शस्त्र लाइसेंस के प्रार्थनापत्रों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण नहीं होने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने इसे लाल फीताशाही करार देते हुए कहा कि आवेदनों के समयबद्ध निस्तारण न होने से हाईकोर्ट में बड़ी संख्या में याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. कोर्ट याची के शस्त्र लाइसेंस आवेदन को डीएम प्रयागराज को तीन माह में निस्तारित करने का आदेश दिया है.

ऐसा नहीं होने पर उसके बाद हर दिन के विलंब पर डीएम की तनख्वाह से सौ रुपये प्रति दिन के हिसाब से काट कर याची को मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा डीएम चाहें तो जिम्मेदार अधिकारी से इसे बाद में वसूल सकते हैं. शंकरगढ़ प्रयागराज के पवन कुमार सिंह की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने दिया.

याची का कहना था कि उसने अपने पिता की मृत्यु के बाद उनका शस्त्र लाइसेंस विरासत के तौर पर उसे देने के लिए वर्ष 2023 में डीएम प्रयागराज के समक्ष आवेदन किया था. मगर उस पर आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया. याची ने आवेदन निस्तारित करने का आदेश देने की मांग की.

कोर्ट ने कहा कि यह देखने में आ रहा है कि इस तरह की मांग को लेकर बड़ी संख्या में याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. इससे स्पष्ट हैं कि अधिकारी आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण नहीं कर रहे है. कोर्ट ने कहा नागरिकों के प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध निस्तारण होना चाहिए ताकि उनको किसी प्रकार की परेशानी न हो.

ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने कहा- यौन उत्पीड़न की शिकार महिला को गर्भपात का अधिकार

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शस्त्र लाइसेंस के प्रार्थनापत्रों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण नहीं होने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने इसे लाल फीताशाही करार देते हुए कहा कि आवेदनों के समयबद्ध निस्तारण न होने से हाईकोर्ट में बड़ी संख्या में याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. कोर्ट याची के शस्त्र लाइसेंस आवेदन को डीएम प्रयागराज को तीन माह में निस्तारित करने का आदेश दिया है.

ऐसा नहीं होने पर उसके बाद हर दिन के विलंब पर डीएम की तनख्वाह से सौ रुपये प्रति दिन के हिसाब से काट कर याची को मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा डीएम चाहें तो जिम्मेदार अधिकारी से इसे बाद में वसूल सकते हैं. शंकरगढ़ प्रयागराज के पवन कुमार सिंह की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने दिया.

याची का कहना था कि उसने अपने पिता की मृत्यु के बाद उनका शस्त्र लाइसेंस विरासत के तौर पर उसे देने के लिए वर्ष 2023 में डीएम प्रयागराज के समक्ष आवेदन किया था. मगर उस पर आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया. याची ने आवेदन निस्तारित करने का आदेश देने की मांग की.

कोर्ट ने कहा कि यह देखने में आ रहा है कि इस तरह की मांग को लेकर बड़ी संख्या में याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. इससे स्पष्ट हैं कि अधिकारी आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण नहीं कर रहे है. कोर्ट ने कहा नागरिकों के प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध निस्तारण होना चाहिए ताकि उनको किसी प्रकार की परेशानी न हो.

ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने कहा- यौन उत्पीड़न की शिकार महिला को गर्भपात का अधिकार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.