सोलन: पानी की समस्या तो अक्सर सबने सुनी होगी, लेकिन पानी से समस्या शायद ही सुनी होगी. कुछ ऐसी ही समस्या जिला मुख्यालय सोलन के साथ लगते गांव फशकना में सामने आई है. इन दिनों फशकना गांव में लोग पानी के कारण रोजाना परेशानियों से रूबरू हो रहे हैं. यहां पर करीब 1960 और 1965 के दशक में जल शक्ति विभाग द्वारा सिंचाई योजना के तहत पानी की पाइपें बिछाई गई थी. यह पानी की पाइपें उस समय लोगों के खेतों के बीचो बीच से बिछाई गई थी, लेकिन आज यह स्कीम लोगों के लिए सिरदर्द बन चुकी है. आलम यह है कि पानी की पाइपें जगह-जगह से फट रही है. जिस कारण पानी के प्रेशर से रास्ते टूट चुके हैं. घासनियां खाई का रूप ले चुकी हैं. वहीं, खेत दलदल बन चुके हैं.
डर के साए में जीने को मजबूर 190 लोगों की आबादी
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पानी के ज्यादा प्रेशर से रास्ते गड्ढों में तब्दील हो गए हैं. लोगों को पैदल चलने के लिए रास्ते खुद बनाने पड़ रहे हैं. जहां पानी के पाइप फटे हुए हैं, वहां लोगों को डर-डर कर जाना पड़ता है. अक्सर उन्हें यह डर रहता है कि न जाने कब वो जमीन का टुकड़ा खिसक जाए. फशकना गांव में करीब 35-40 परिवार हैं और करीब 190 लोगों की आबादी यहां पर है. रात में भी लोगों को यहां पर लगातार बह रहे पानी की वजह से अनहोनी का डर बना रहता है.
फसलें हो रही खराब, किसान छोड़ रहे खेती
स्थानीय लोगों ने बताया कि नाले से लेकर घरों तक की जमीन बर्बाद हो चुकी है. जहां पानी की पाइप खेतों के बीचोंबीच फटी है, वहां लोगों ने अब फसलें लगाना छोड़ दिया है, क्योंकि लगातार पानी का रिसाव खेतों के बीचोंबीच हो रहा है और इससे फसलें खराब हो रही हैं. ऐसे में मजबूरन किसान आधे ही खेत में अब खेती कर रहे हैं.
घरों, खेतों, रास्तों, घासनियों को पहुंच रहा नुकसान
स्थानीय लोगों ने बताया कि वे लोग पिछले काफी सालों से इस समस्या से जूझ रहे हैं. उनके खेतों के बीचो बीच से यह पाइप लाइन सिंचाई योजना सोलन तक पहुंचाई गई है और अब यह पुरानी होने के कारण जगह-जगह से टूट रही है. जब यह टूटती है तो प्रेशर के कारण पानी करीब 100 से 200 फीट ऊंचाई तक जाता है. जिससे लोगों के घर और खेतों को खासा नुकसान हो रहा है. इसके अलावा रास्तों और घासनियां भी इससे बर्बाद हो रही हैं.