सराज: बर्फबारी के बाद सराज घाटी ने सफेद चादर ओढ़ ली है. बीते करीब तीन माह से बारिश ना होने से किसानों को खेतों में बोई फसलों की चिंता सता रही थी लेकिन सराज घाटी में हुई ताजा बारिश और बर्फबारी ने किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है. बर्फबारी और बारिश सेब की फसल, मटर और गेहूं के लिए रामबाण है. लंबे समय से बारिश ना होने के कारण सभी खेत और बगीचे सूखे पड़े थे जिससे फसलों को नुकसान हो रहा था.
सराज में जमकर हुई बर्फबारी (ETV Bharat) जिला मंडी के शिकारी देवी, कमरुनाग, तुंगासीगढ़, नारायणगढ़, जंजैहली, छतरी, मगरुगला, गाड़ागुशैणी, शैटाधार, देवीदहढ़, थुनाग और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई है जिससे सभी ऊंची चोटियां मनमोहक हो गई हैं.
शैटाधार मंदिर में जमकर हुआ हिमपात (ETV Bharat) गौरतलब है कि बीते सोमवार दोपहर बाद बारिश के शुरू होने के बाद किसानों और बागवानों में बर्फबारी की आस जग गई थी. वहीं, मंगलवार और बुधवार को घाटी की ऊंची चोटियों पर जमकर हिमपात हुआ.
बर्फबारी के बाद धूप निकलने पर शैटाधार मंदिर (ETV Bharat) एक्सईएन लोक निर्माण विभाग रोशन ठाकुर ने बताया रायगढ़-माता शिकारी, चिऊणी-शैट्टाधार, भुलाह-रायगढ़, रायगढ़-सनारली, छतरी-गाड़ागुसैणी, मगरूगला-छतरी सहित 8 सड़कें बर्फबारी के बाद अवरुद्ध हो गईं थी जिन्हें बहाल करने का काम चला हुआ है. सराज घाटी में हुई सीजन की पहली बर्फबारी से सरकारी विभागों को करीब 7 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
बर्फबारी के बाद चांदी जैसी चमक रहीं सराज की ऊंची चोटियां (ETV Bharat) बर्फबारी के बाद समूची सराज घाटी ठंड की चपेट में आ गई है. वहीं, बर्फबारी के बाद बिजली की सप्लाई भी प्रभावित हुई है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में अन्य ऊंचाई और मध्यम ऊंचाई वाले जिलों में विभिन्न स्थानों पर बर्फबारी हुई है. वहीं, प्रदेश के निचले क्षेत्रों में लंबे समय बाद बारिश हुई है जिससे पूरे प्रदेश में ठंड बढ़ गई है.
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