जयपुर:जोबनेर थाना पुलिस ने रविवार रात नाकाबंदी के दौरान एक कार से भारी मात्रा में ब्लड यूनिट्स बरामद कर तीन 'खून के सौदागरों' को गिरफ्तार किया था. जोबनेर पुलिस ने मंगलवार को तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर 5 दिन का पीसी डिमांड मांगा है. जहां पुलिस को खून की सौदागरी के मामले में कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.
जोबनेर थाना अधिकारी सोहेल खान ने बताया कि रविवार रात को को एक कार से 255 यूनिट ब्लड जब्त कर तीन युवकों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के बाद तीनों आरोपियों ने बिना लाइसेंस के ब्लड को मकराना से सवाई माधोपुर सप्लाई ले जाना कबूला था. जिसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार मोहम्मद जाबीर, मोहम्मद आमीन, श्रवण सिहं को न्यायालय में पेश कर 5 दिन का पीसी डिमांड मांगा है.
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल (ETV Bharat Jaipur) पुलिस की टीम मकराना और सवाईमाधोपुर पहुंची: जोबनेर थाना अधिकारी सोहेल खान ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने दो अलग-अलग टीम बनाकर एक को मकराना और एक टीम को सवाई माधोपुर के लिए रवाना किया. मकराना पहुंची पुलिस टीम की जांच में कई अनियमितता मिली है. इसके बाद एक जने को हिरासत में लिया गया है. वहीं, ड्रग आयुक्तालय की टीम भी सवाई माधोपुर और मकराना पहुंची और मामले में जांच की, जहां कई अनियमितता पाई गई. अनियमिताओं के बाद दोनों ब्लड सेंटरों के लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं.
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औषधि नियंत्रण विभाग ने जब्त किया था बल्ड:पुलिस ने भारी मात्रा में कार से ब्लड जप्त करने के मामले में औषधि नियंत्रण विभाग, जयपुर को जानकारी दी थी. सोमवार को विभाग की टीम मौके पर पहुंची और 255 ब्लड यूनिट्स की जांच की और हिरासत में लिए गए युवकों से भी मामले में संबंधित कागजात लाइसेंस मांगे, लेकिन लाइसेंस नहीं होने पर टीम ने पुलिस को तीनों युवकों को सुपुर्द कर दिया. टीम ने ब्लड को जयपुरिया अस्पताल जयपुर भेज दिया. जहां ड्रग विभाग की स्पेशल टीम उनकी जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
बेनीवाल ने की सीबीआई जांच की मांगः इस मामले में नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. खून की सौदागरी और तस्करी को लेकर बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को इस पूरे मामले में सीबीआई से जांच की मांग करनी चाहिए, क्योंकि जन भावनाओं को खिलवाड़ करके इस तरह खून का सौदा किया जा रहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि ब्लड का अवैध कारोबार करने वाले बदमाशों को कहीं न कहीं नेताओं का संरक्षण है. दूसरी ओर बुधवार को मकराना थाने पर इस पूरे प्रकरण को लेकर जन संगठन प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इस बात का आह्वान भी किया गया है.