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हल्द्वानी में एक्टिव यूपी का साइबर फ्रॉड गिरोह, छह सदस्य गिरफ्तार, बड़ी मात्रा में फर्जी डॉक्यूमेंट बरामद - HALDWANI CYBER ​​FRAUD

मुखानी थाना क्षेत्र में किराये का कमरा लेकर कर रहे थे साइबर क्राइम, नैनीताल पुलिस ने लिया एक्शन

HALDWANI CYBER ​​FRAUD
हल्द्वानी में एक्टिव यूपी का साइबर फ्रॉड गिरोह (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 30, 2025, 4:34 PM IST

हल्द्वानी: नैनीताल पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गिरोह का भंडाफोड़ किया है. साथ ही गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से भारी मात्रा में स्टांप पेपर, फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोहर के साथ-साथ मोबाइल के सिम और बैंक के पासबुक सहित विभिन्न दस्तावेज बरामद किये गये हैं. पकड़े गए सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. ये सभी हल्द्वानी में किराए के कमरा लेकर रहते थे.

नैनीताल एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने मामले का खुलासा करते हुए कहा पुलिस को सूचना मिली कि उत्तर प्रदेश का रहने वाला एक साइबर अपराधियों का गिरोह हल्द्वानी के मुखानी थाना क्षेत्र में किराए के कमरा लेकर यहां पर साइबर क्राइम कर रहा है. पुलिस जांच पड़ताल के बाद मुखानी क्षेत्रान्तर्गत स्थित तारा कंपलेक्स में कमरा खुलवा कर देखा गया तो 6 व्यक्ति कमरे में मौजूद मिले. उनका नाम पता पूछने एवं तलाशी लेने पर अलग-अलग बैंकों के फॉर्म, आधार कार्ड स्टांप मोहर, व उद्यम विभाग के फर्जी रजिस्ट्रेशन व अन्य सामग्री बरामद हुई. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि फर्जी आधार कार्ड बनाकर उसके आधार पर बाजार की दुकानों की फोटो खींचकर उद्यम विभाग में फर्जी रजिस्ट्रेशन कराते हैं. इन्हीं फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाकर उसका एटीएम, चेकबुक आदि अपने गैग के सदस्य चार्ली उर्फ केके को भेजते हैं. जिसमें प्रत्येक करन्ट एकाउन्ट पर एकाउन्ट खोलने वाले व्यक्ति को खाता देने पर 25000 रुपये नगद मिलते हैं. बाद में लेन-देन का 10 से 15 प्रतिशत भी मिलते रहता है. गिरोह के सदस्यों ने हल्द्वानी के बैंकों में तीन अकाउंट खोले. जिसके माध्यम से साइबर फ्रॉड के पैसे को लेनदेन का काम करते थे.

पूरे मामले में पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बरामद फर्जी दस्तावेज/सामग्री को कब्जे में लेकर गिरफ्तार कर थाना मुखानी में धारा 318(4)/338/336(3)/336(2)/340(2)/61(2) बीएनएस के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कर आगे की कार्रवाई कर रही है. एसएसपी ने बताया पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह इस तरह की अपराध के लिए नए-नए शहर का चयन करते हैं. कुछ दिन रहने के बाद वहां से चले जाते हैं. गिरोह के मास्टर माइन्ड राघवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रघु उत्तर प्रदेश देवरिया जबकि अन्य का नाम, लकी पुत्र विकी, रोहन खान, आकाश सिंह, दीपक और रॉकी जो उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.

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