रांची:झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के सर्जरी वार्ड में मंगलवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब अचानक इमरजेंसी का सायरन बजने लगा. सायरन की आवाज सुनकर मरीज और उनके परिजन सर्जरी वार्ड के पास पहुंच गए. लोगों में मन में भय घर गया कि अस्पताल में आग लग गई है या तो शायद कोई कहीं पर मुसीबत में फंस गया है, इस कारण इमरजेंसी सायरन बजाया गया है. लेकिन जब लोग सर्जरी वार्ड में पहुंचे तो देखा की सायरन खुद-ब-खुद बज रहा था.
सायरन बंद करने की कोशिश भी हुई असफल
वहीं सर्जरी वार्ड में तैनात होमगार्ड की महिला जवान भी सायरन की आवाज सुनकर सक्रिय हो गईं. उन्होंने अपने स्तर से सायरन को बंद करने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुईं. वहीं सायरन की आवाज सुनकर अस्पताल के अन्य कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए और सायरन को बंद करने का प्रयास करते दिखे. वहीं रिम्स के कंट्रोल रूम के कर्मचारियों ने बताया कि सायरन की आवाज अपने आप शुरू हो गई. जब उन्हें ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड के द्वारा जानकारी दी गई तो वे लोग वहां पर पहुंचे थे, लेकिन तब तक सायरन बंद हो चुका था.
रिम्स प्रबंधन ने बताया ये कारण
वहीं इस संबंध में ईटीवी भारत ने जब रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन से बात की तो उन्होंने बताया कि कई वार्डों में पानी और फायर फाइटिंग के वायरिंग और उसकी मशनरी को चेक किया जा रहा है. इस वजह से भी कई बार सायरन कई वार्डों में अचानक बजने लगता है. लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि जांचने के उद्देश्य से कार्य के दौरान सायरन बजने लगा तो समय रहते बंद हो जाना चाहिए था, लेकिन करीब आधा घंटा तक सायरन बजता रहा और किसी ने इसकी सुध तक नहीं ली.
मरीजों को हुई परेशानी
वहीं आवाज को सुनने के बाद सर्जरी वार्ड में अपना ऑपरेशन कराने पहुंचे मरीजों को काफी परेशानी हुई. लगभग आधे घंटे से ज्यादा समय तक सायरन की आवाज पूरे सर्जरी वार्ड और आसपास गूंजती रही. सर्जरी वार्ड में ऑपरेशन के लिए इंतजार कर रहे हैं मरीज और उनके साथ बैठे परिजन सायरन की आवाज से परेशान दिखे.अपना इलाज कराने पहुंचे एक मरीज ने कहा कि इमरजेंसी सायरन यदि बेवजह बजता है तो स्वस्थ लोग भी इरीटेट हो जाते हैं. वहीं ऐसे में लाचार और बीमार मरीजों की परेशानी अधिक बढ़ जाती है.