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'कलेक्ट्रेट में बैठकर क्या काम करते हैं आप', 9 साल की आफरीन ने डीएम साहब से पूछा सवाल

''कलेक्टर कैसे बनते हैं और उनका क्या काम होता है.'' यह जानने के लिए 9 साल की बच्ची कलेक्टर से मिलने पहुंच गई.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Singrauli Collector Meet Girl
9 साल की बच्ची से मिले कलेक्टर (ETV Bharat)

सिंगरौली: सिंगरौली जिले में डीएव्ही स्कूल बैढ़न की 5वीं की छात्रा आफरीन अली पिता नवाब अली जब अपने घर से विद्यालय जा रही थी तो रास्ते में उसे कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला की गाड़ी दिखी. तब उसके मन में विचार आया कि आखिर कलेक्टर कौन होते हैं तथा उनका कार्य क्या होता है. क्योंकि जब वह देखती है कि कलेक्टर उसके स्कूल में आते हैं या कहीं भी जाते हैं, तो सभी कलेक्टर साहब आए है कलेक्टर साहब आए कहकर उनका अभिवादन करते हैं. इन्हीं जिज्ञासु प्रश्नों का उत्तर पाने के लिए आफरीन ने अपने शिक्षक से आग्रह किया की वह कलेक्टर साहब से मिलना चाहती है. बच्ची की जिज्ञासा को देखकर उसके शिक्षक उसे अपने साथ लेकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे तथा उसके नाम की पर्ची कलेक्टर के पास भेजी.

कलेक्टर से बोली बच्ची, सर कलेक्टर कैसे बनते हैं
पर्ची मिलते ही कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने 9 साल की बच्ची को अपने पास बुलाया तथा उसके आने का कारण जाना. आफरीन जब कलेक्टर से मिली तो बड़े आत्म विश्वास के साथ कलेक्टर का अभिवादन किया. उसने पूछा कि, ''सर मैं कलेक्टर कैसे बन सकती हूं.'' कलेक्टर शुक्ला ने बच्ची से पूछा कि आप कहां पढ़ती हो तथा तुम्हें किस विषय को पढ़ने में ज्यादा रूचि है. तब आफरीन बताया कि वह डीएव्ही विद्यालय बैढ़न में 5वीं कक्षा की छात्रा है तथा नवोदय विद्यालय तथा सैनिक स्कूल में प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी कर रही है. भविष्य में आईएएस बनना चाहती है.

बच्ची से बात करते चन्द्रशेखर शुक्ला (ETV Bharat)

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पढ़ों, खेलो कूदो और समय पर सोया करो
कलेक्टर ने छोटी बच्ची आफरीन को अपने पास बिठाकर उसके सभी जिज्ञासु प्रश्नों का उत्तर देकर उसकी जिज्ञासा को शांत किया. उन्होंने कहा कि, ''कलेक्टर बनने के लिए तुम्हें पूरे मनोयोग से पढ़ना होगा.'' साथ ही कलेक्टर ने कहा कि, ''पढ़ने के साथ ही खेलो कूदो समय पर सोया करो तथा अच्छे दोस्त भी बनाओ. क्योंकि जब तुम स्वस्थ्य रहोगी, खुश रहोगी तभी अच्छे से पढ़ाई कर सकोगी. बच्ची के सभी प्रश्नों का स्नेह पूर्वक उत्तर देते हुये कलेक्टर ने उसके प्रश्नों का सामाधान किया तथा उसे एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया. अंत में उसे चाकलेट भेंट कर खुशी खुशी घर के लिए विदा किया.

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