कानपुर:अभी पतझड़ नहीं आया, अभी से पत्ते झड़ गए.... भाई राहगीर थे हम कौन सी गाड़ी पर चढ़ गए..... अभी हैं बाप जिंदा बेटे बंटवारे को लड़ गए.... अभी पतझड़ नहीं आया अभी से पत्ते झड़ गए. सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपनी गायकी से लाखों दिलों पर राज करने वाले गायक राहगीर ने जैसे ही उक्त गाने की लाइनों की प्रस्तुति आईआईटी कानपुर के ओपन एयर थिएटर परिसर में दी, तो सामने मौजूद आईआईटियंस खुद को झूमने से नहीं रोक पाए.
आईआईटी कानपुर के सबसे खास उत्सव अंतराग्नि में जैसे ही शाम करीब 4:20 बजे गायक राहगीर ओपन नियर थिएटर के मंच पर पहुंचे, तो तालियों की गड़गड़ाहट से आईआईटीयंस ने उनका स्वागत किया. अपने गानों की प्रस्तुति के साथ ही राहगीर ने आईआईटियंस से जैसे ही कहा, कि लग रहा है अभी माहौल नहीं बना है. अगर आप मेरी प्रस्तुति के साथ माहौल बना देंगे, तो प्रस्तुति में मजा आ जाएगा. फिर क्या था, आईआईटीयंस ने राहगीर के गाने के साथ ही तालियों की जिस अंदाज में लय प्रस्तुत की, उसी अंदाज में राहगीर ने सबको अपनी गायकी से झूमा दिया.