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हरियाणा के किसान मछली के दम पर बने "मुकद्दर के सिकंदर", कमा रहे लाखों रुपए, जानिए कैसे ? - Shrimp farming benefits farmers

Shrimp Farming Benefits Farmers: हरियाणा में झींगा मछली पालन कर रहे किसानों को काफी फायदा हो रहा है. किसानों ने बताया कि वो चंद महीनों में ही लाखों कमा लेते हैं. इस मछली पालन में कोई नुकसान भी नहीं है. इसलिए उन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर झींगा मछली पालन का काम शुरू किया है.

Shrimp Farming Benefits Farmers
Shrimp Farming Benefits Farmers (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 22, 2024, 2:26 PM IST

Updated : Jul 22, 2024, 5:54 PM IST

झींगा पालन से मालामाल (Etv Bharat)

सिरसा:हरियाणा के सिरसा में किसान अब परंपरागत खेती छोड़कर अब झींगा मछली पालन की खेती करने में जुट गए हैं. झींगा मछली पालन सिरसा के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. फिलहाल सिरसा में करीब 400 से ज्यादा किसान झींगा मछली पालन खेती कर रहे हैं. हालांकि हरियाणा सरकार द्वारा भी झींगा मछली पालन के लिए किसानों को सुविधाएं दे रही है, साथ ही सब्सिडी भी दी जा रही है. सरकार की इस पहल से किसान खुश नजर आ रहे हैं. करीब 10 हजार किसानों को सरकार इस झींगा मछली पालन से जोड़ने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है.

किसानों को हो रहा फायदा:झींगा मछली पालन करने वाले किसानों ने बताया कि चंद महीनों में ही वह लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. महिला किसानों को 60 फीसदी सब्सिडी दी जाती है. जबकि पुरुषों को 40 फीसदी सब्सिडी सरकार की ओर से दी जा रही है. इसलिए किसान ज्यादा संख्या में इसी झींगा मछली पालन से प्रभावित हो रहे हैं. महिलाओं में भी मछली पालन को लेकर काफी उत्सुकता है. कई महिलाएं चंद दिनों में ही लखपति हो चुकी हैं.

चंद महीनों में लाखों का लाभ:झींगा मछली पालन करने वाली जागरूक महिला संतोष ने बताया कि 2 साल तक ढाई एकड़ में उन्होंने व्यवसाय किया था. मुनाफा देखते हुए इस बार 5 एकड़ में काम शुरू कर दिया है. उनको मछली पालन करने से काफी फायदा हुआ. वहीं, किसानों ने बताया कि केवल चार महीने काम करने के बाद ही किसान मालामाल हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती की बजाए झींगा मछली पालन एक मॉडर्न खेती है. महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से सब्सिडी दी जा रही है.

किसानों की बढ़ती डिमांड: किसानों ने बताया कि प्रति हेक्टेयर में 14 लाख की राशि का यह प्रोजेक्ट है. जिसमे तालाब का निर्माण स्टोर खाद खुराक व इससे सम्बंधित लेबर इत्यादि इसमें शामिल होते हैं. उन्होंने बताया कि गत वर्ष 300 से 350 एकड़ पर फसल उत्पादन किसानों द्वारा की गई थी जिसमे 7 से 8 टन प्रति हेक्टेयर एवरेज प्रोडक्शन फसल का रहा था. उन्होंने बताया कि बढ़ते मुनाफे को देखते हुए किसानों में भी उत्साह बढ़ गया है. उन्होंने बताया कि 1 किसान से दूसरे किसान अंत्योदय केंद्र मेलो आदि के माध्यम से किसानों को इसके बारे में पता चलता है. उन्होंने बताया कि गत वर्ष करीबन 120 किसानों द्वारा यह उत्पादन किया गया था. लेकिन इस बार करीब 250 के करीब किसानों द्वारा यह फसल उत्पादन का कार्य किया जाएगा.

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Last Updated : Jul 22, 2024, 5:54 PM IST

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