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'ड्रग्स से खत्म हो जाएगी हिमाचल की देव संस्कृति और स्मृद्धि,' पंचायत प्रतिनिधियों से नशा निवारण पर होगी चर्चा - HIMACHAL DRUGS PROBLEM

हिमाचल प्रदेश में नशे पर लगाम लगाने के लिए राज्यपाल पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे. इसके लिए 6 नवंबर को राजभवन में मंत्राणा होगी.

नशे की समस्या पर पंंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे राज्यपाल
नशे की समस्या पर पंंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे राज्यपाल (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 13, 2024, 1:44 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में युवा नशे के जाल धंसते जा रहे हैं. नशे पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन और सरकारें प्रयासरत हैं. इसके लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर भी प्रयास जारी हैं. इसके बाद भी नशे पर लगाम लगाना बेहद मुश्किल हो रहा है. नशे के कारण अब तक कई युवा प्रदेश में अपनी जान गंवा चुके हैं.

वहीं, हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि,'देव संस्कृति के लिए नशा घातक सिद्ध हो सकता है और इसके लिए पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. ऐसे में शिमला के राजभवन में 6 नवंबर को पंचायत प्रतिनिधियों, पंचायती राज विभाग और पंचायती राज मंत्री के साथ मिलकर इस पर चर्चा की जाएगी, ताकि पंचायत स्तर पर नशे के खिलाफ आवाज उठाई सके जा सके और इस नशे को हिमाचल से खत्म किया जा सके.'

राज्यपाल ने बढ़ते नशे पर जताई चिंता (ETV BHARAT)

कुल्लू के ढालपुर पहुंचे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि, 'पुलिस के स्तर पर नशे को खत्म करना काफी मुश्किल है, क्योंकि यह नशा ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब अपनी जड़ों को जमा चुका है. आज युवतियां भी नशे का शिकार हो रही है. ऐसे में हिमाचल की संस्कृति के लिए नशा आने वाले समय में घातक सिद्ध होगा. इसके लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता लानी होगी और ग्रामीण लोगों को भी इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा, ताकि हिमाचल को नशा मुक्त किया जा सके.'

वहीं, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, 'कुल्लू का दशहरा देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी प्रसिद्ध है और यहां की देव संस्कृति को जानने के लिए भी विदेश से लोग यहां आते हैं. ऐसे में हिमाचल की देव संस्कृति अपने आप में अनूठी है और अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में देव संस्कृति के दर्शन लोगों को होते हैं. भगवान रघुनाथ के सम्मान में इस दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाता है और सैकड़ों देवी देवता इस दशहरा उत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं.'

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