शिमला:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने करूणामूलक आधार पर नौकरी पाने के लिए बोनाफाइड हिमाचली की शर्त को असंवैधानिक ठहराया है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि कानून किसी व्यक्ति को ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं करता, जो उसके लिए संभव ना हो. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने कहा कि ऐसा करना असंवैधानिक है. मामले के अनुसार अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति चाहने वाले एक अभ्यर्थी पर हिमाचली बोनाफाइड प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए दबाव डाला जा रहा था. अभ्यर्थी ऐसे सर्टिफिकेट को प्रस्तुत नहीं कर सकता था क्योंकि वह वास्तविक हिमाचली नहीं था.
न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने प्रार्थी साहिल शर्मा की तरफ से दाखिल की गई याचिका को स्वीकारते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के हिमाचली बोनाफाइड प्रमाण पत्र न होने के आधार पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के मामले को खारिज करने का प्रतिवादियों का कार्य अपने आप में गलत है.
प्रतिवादियों का यह कदम कानून की नजर में टिकने योग्य नहीं है. अदालत का कहना था कि क्योंकि करुणामूलक आधार पर नियुक्ति को ऐसे ग्राउंड पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता, जो संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत हो.
कोर्ट ने कहा कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी में कोई अन्य कमी नहीं बताई गई है इसलिए उपरोक्त तथ्यों और कानूनी पहलुओं को देखते हुए यह याचिका स्वीकार की जाती है.