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श्योपुर में पेड़ के नीचे ज्ञान हासिल कर भविष्य संवार रहे बच्चे, हल्की बारिश में करनी पड़ती है छुट्टी - Sheopur school no facilities - SHEOPUR SCHOOL NO FACILITIES

श्योपुर के कराहल से करीब 3 किमी दूर स्थित भोटीपुरा प्राथमिक स्कूल 130 बच्चों का नाम दर्ज है. लेकिन यहां बच्चों को बैठने के लिए कमरे नहीं हैं. स्कूल का बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण दिन भर गांव के मवेशी आते रहते हैं और वाहन भी इसी स्कूल से होकर गुजरते हैं.

SHEOPUR BHOTIPURA PRIMARY SCHOOL
खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे हैं बच्चे स्कूल में नहीं बैठने की जगह (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 14, 2024, 10:18 PM IST

Updated : Jul 15, 2024, 11:32 AM IST

श्योपुर।कराहल मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भोटीपुरा प्राथमिक शाला सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है. यहां करीब 130 स्टुडेंट हैं, लेकिन बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त क्लास रूम नहीं है, जिससे उन्हें बाहर बैठकर पढ़ना पड़ता है. बताया जा रहा है कि इस स्कूल में सिर्फ एक कमरा है जो स्कूल का ऑफिस और क्लासरूम दोनों है. वहीं, स्कूल की बिल्डिंग भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है.

सुविधाओं के अभाव में हल्की बारिश में भी करनी पड़ती है बच्चों की छुट्टी (ETV Bharat)

शिक्षकों को करना पड़ता है चौकीदारी

भोटीपुरा प्राथमिक विद्यालय अव्यवस्थाओं का शिकार हो गया है. यहां स्कूल परिसर में बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण दिन भर गांव के मवेशी गाय और भैंस आते रहते हैं. वहीं, ट्रैक्टर ट्राली और अन्य वाहन भी इसी स्कूल से होकर गुजरते हैं, जिससे कई बार बच्चे चोटिल भी हो चुके हैं. इससे शिक्षक भी हमेशा किसी बड़ी घटना की आशंका से परेशान रहते हैं और पढ़ाने के साथ-साथ दिनभर बच्चों की चौकीदारी भी करना पडता है.

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खुले आसमान के नीचे संचालित होती है कक्षाएं

शासकीय प्राथमिक विद्यालय भोटीपुरा में 130 बच्चों का नाम दर्ज हैं और इनके लिए 4 शिक्षक मौजूद हैं. लेकिन बच्चों को बैठाने के लिए विद्यालय में कोई व्यवस्था नहीं है. गर्मी, सर्दी और बारिश में भी बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. शिक्षक तोता राम ने बताया कि बारिश के दिनों में हल्की सी भी बारिश होने पर बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है. यही हाल सर्दियों और गर्मियों में भी होता है, जहां विषम परिस्थितियों में बच्चों को पढ़ाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि कई अधिकारी यहां भ्रमण के लिए आते रहते हैं लेकिन किसी ने भी शिक्षा और सुरक्षा व्यवस्था की और ध्यान नहीं दिया.

Last Updated : Jul 15, 2024, 11:32 AM IST

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