Sharad Purnima 2024:दीपावली का त्योहार तो 31 अक्टूबर को है, और उस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, लेकिन दीपावली से पहले भी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का बहुत अच्छा मौका है. अगर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करके पूजा करेंगे तो माता बहुत प्रसन्न होंगी.
शरद पूर्णिमा के दिन करें मां लक्ष्मी की पूजा
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि 'शरद पूर्णिमा इस बार 16 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. शास्त्रों में ऐसा वर्णित है, कि शरद पूर्णिमा के दिन जो समुद्र मंथन हुआ था. उससे माता लक्ष्मीजी की भी उत्पत्ति हुई थी. ऐसे में जो व्यक्ति शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजन विधि विधान से करता है. उस घर में माता लक्ष्मी का प्रवेश होता है. मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और उस घर में धन की वर्षा करती हैं. उस घर को धन-धान्य से भर देती हैं.
शरद पूर्णिमा के दिन ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा विधि विधान से करने के लिए एक पटा ले लें. उसमें लाल कपड़ा बिछा लें, वहां लक्ष्मी जी की मूर्ति रखें, पहले जल से, दूध से, गंगाजल से, पंचामृत से माता लक्ष्मी को स्नान कराकर फिर बढ़िया वस्त्र पहना दें. वहां सजा दें, लाल चंदन लगाएं, खीर का भोग लगाएं, पंचमेवा को मिश्रित करके भोग लगाएं, तो लक्ष्मी माता बहुत प्रसन्न होती हैं. इसके बाद माता की आरती विधि विधान से करें तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं.
माता लक्ष्मी के पास ये समान जरूर रखें
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ ही पूजा घर में शंख रखें. तरह-तरह के फूलों से पूजा घर को सजा दें, माता लक्ष्मी के पास कमल का फूल रखें, जिससे माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और उस घर को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं, ऐसा माना जाता है की माता लक्ष्मी का उस घर में प्रवेश होता है और सभी देवी देवता वहां पहुंचते हैं.
शरद पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये काम
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. शरद पूर्णिमा के दिन सायं कालीन स्नान करके शुद्ध गाय का दूध लेकर के खीर बनाएं और खीर बनाने के बाद उसमें काजू किशमिश छुहारा बादाम मिश्रित करके सबसे पहले भगवान लक्ष्मी नारायण के पास रखें. तुलसी दल उसमें डालें और भगवान को भोग लगाएं. उसे ऐसे स्थान पर रख दें. जहां चंद्रमा की रोशनी पड़े. प्रातः कालीन उस खीर को सभी लोग मिलकर खाएं. दूसरों को प्रसाद खिलाएं, क्योंकि चंद्रमा की रोशनी पड़ने से वो खीर अमृत बन जाता है, क्योंकि अमृत भी समुद्र मंथन से निकला था.
रात में लक्ष्मी जी की पूजा करने से लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न होती है. अमृत की वर्षा करती हैं, इसीलिए सभी लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की रात में जरूर पूजा करें और वहां खीर का भोग लगाएं. जिससे उस खीर में अमृत का वास होता है. किसी तरह की बीमारी नहीं होती है. जो शरद पूर्णिमा की रात्रि में रखी हुई खीर को दूसरे दिन खाता है उसे किसी तरह की रोग व्याधि नहीं होती है.
जो व्यक्ति शरद पूर्णिमा के दिन तरह-तरह के फूलों से सजाकर लक्ष्मी जी की पूजन करते हैं. साथ में विष्णु जी की पूजन करते हैं, तो वहां सभी देवी देवताओं का निवास होता है. शरद पूर्णिमा के दिन सभी मिलकर के रात्रि 12:00 तक पूजन करें और फिर 10 से 5 मिनट के लिए चंद्रमा के प्रकाश में बाहर टहलें. शरीर में जब चंद्रमा का प्रकाश पड़ेगा, तो उस शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. शरद पूर्णिमा के दिन पूजा घर में फूल शंख घंटी खीर और लक्ष्मी जी की मूर्ति कमल का फूल रखें, तो वहां लक्ष्मी जी स्थिर होकर रहती हैं, और घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है.