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'आज का मुस्लिम हिंदुओं का वंशज, हजारों साल पुराना इतिहास बदला नहीं जा सकता' - SHANTA KUMAR ON BABA RAMDEV

पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा कि हमें काशी-मथुरा का हल जल्द निकालना चाहिए, ताकि देश की एकता और शांति बनी रहे.

पूर्व सीएम शांता कुमार
पूर्व सीएम शांता कुमार (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 26, 2024, 2:37 PM IST

शिमला: उपासना स्थल अधिनियम पर चल रही बहस के बीच देश में संभल, मथुरा, अजमेर और काशी समेत कई जगहों पर मस्जिदों के स्थान पर प्राचीन हिंदू मंदिर होने का दावा किया जा रहा है. इसे लेकर मोहन भागवत और बाबा रामदेव ने बयान दिया था. अब इसे लेकर पूर्व सीएम शांता कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

दरअसल उपासना स्थल अधिनियम हो रही चर्चाओं पर मोहन भागवत ने कहा था कि राम मंदिर के साथ हिंदुओं की श्रद्धा है, लेकिन राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वो नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं का नेता बन सकते हैं. ये स्वीकार्य नहीं है. वहीं, बाबा रामदेव ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि, सनातन धर्म को नष्ट करने की कोशिश करने वाले आक्रमणकारियों को सबक जरूर सिखाना चाहिए. पापियों को पाप का फल मिलना चाहिए.

वहीं, हिमाचल के पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा कि मैं स्वामी रामदेव जी का बहुत अधिक सम्मान करता हूं. उन्होंने योग को घर घर तक पहुंचाया. इतना ही नही महात्मा गांधी के सपने स्वदेशी को साकार करके दिखाया और देश के लाखों लोगों को रोजगार भी दिया, लेकिन मैं उनसे प्रार्थना करुंगा कि आदरणीय मोहन भागवत जी के सुझाव पर जो कुछ उन्होंने कहा है उस पर वो एक बार विचार जरूर करें.

पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा कि, 'हजारों साल पुराने इतिहास को बदला नही जा सकता. भारत में विदेशी आक्रमणकारी आए. मन्दिरों को तोड़ कर मस्जिदें बनाईं. उस समय देश उनका मुकाबला नहीं कर सका. वो लुटेरे हत्यारे कुछ समय राज्य करके चले गए. ये बड़ी सच्चाई है कि आज का भारत का मुसलमान उन हिन्दुओं का वशंज है जिन्होंने किसी कारण अपना धर्म बदला. आज का मुसलमान मन्दिर तोड़ कर मस्जिद बनाने वालों का वशंज है.'

पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा कि, 'इस सच्चाई को सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायधीश मुहम्मद करीम छागला ने स्वीकार करते हुए कहा था कि 'मेरी रगों में हिन्दू ऋृषि-मुनियों का खून दौड़ता है. मेरे बुर्जगों ने केवल पूजा करने का तरीका बदला था.' भारत ने सैकड़ों साल तक भारत ने गुलामी के दिन देखें. हजारों मन्दिरों को तोड़ का मस्जिदें बनाई गईं. लम्बा समय बीत गया औरअत्याचार करने वाले कुछ समय राज्य करने के बाद मर गए या वापस चले गए. स्वामी रामदेव जी ने कहा है कि हमें उस अत्याचार का बदला लेना चाहिए, लेकिन वो अत्याचारी तो सालों पहले चले गए.'

शांता कुमार ने कहा कि, मोहन भागवत ने जो मूल्यवान सुझाव दिया है उस पर सारे भारत को गंभीरता से विचार करना चाहिए. सरदार पटेल के प्रयत्नों से सोमनाथ मन्दिर का उद्धार हो गया था. अयोध्या में राम मन्दिर भी बन गया. हिन्दू मुसलमान नेताओं को बैठ कर काशी और मथुरा को भी मुकद्दमेबाजी से अलग होकर हिन्दुओं को सौंप देना चाहिए. यह चार स्थान भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के लिए जरूरी हैं. इसके बाद पूरे भारत को उस कानून को स्वीकार कर लेना चाहिए, जिसके अनुसार सभी धार्मिक स्थानों की 1947 की स्थिति को बदला नहीं जा सकता. हिन्दू धर्म के सभी सन्तों और स्वामी रामदेव जी से मेरा निवेदन है कि काशी और मथुरा को प्राप्त करने का प्रयत्न करें और उसके बाद आदरणीय मोहन भागवत जी के सुझाव को पूरा स्वीकार करें. यदि ऐसा नहीं किया तो पता नहीं कब तक हम मस्जिदों में मन्दिर ढूंढते रहेंगे और देश की एकता और शान्ति को नष्ट करते रहेंगे.

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