शहडोल:दाल चावल खाने में एक ऐसा कॉम्बिनेशन है, जिसे हर कोई पसंद करता है. कई जगहों पर तो दाल-चावल के ऐसे शौकीन लोग होते हैं कि जब तक उन्हें खाने में दाल चावल ना मिले, उन्हें भोजन में संतुष्टि ही नहीं मिलती. कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो दाल चावल के अलावा एक संतुलित आहार में कुछ भी पसंद नहीं करते हैं. अब तो दुनिया ने भी मान लिया है की दाल चावल स्वाद के साथ पौष्टिक आहार में सर्वश्रेष्ठ है.
दुनिया ने माना दाल-चावल का लोहा
दाल चावल भारत देश में लगभग हर घरों में हर दिन बनता है, क्योंकि ये प्रमुख अहारों में से एक है. अब दाल चावल को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पौष्टिक आहार भी मान लिया गया है. अभीहाल ही में अमेरिका में हुए न्यूट्रिशन कॉन्फ्रेंस में दाल चावल को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पौष्टिक खाना बताया गया है. अब इससे अंदाजा लगा सकते हैं की दाल चावल की पौष्टिकता का लोहा अब दुनिया ने भी मान लिया है.
मध्य प्रदेश में यहां हैं दाल चावल के दीवाने
मध्य प्रदेश का शहडोल संभाग आदिवासी बहुल संभाग है. यहां का प्रमुख भोजन भी दाल चावल है. यहां लगभग हर घरों में दाल चावल प्रमुख आहार में से एक है. शहडोल के रहने वाले राहुल गुप्ताबताते हैं कि "वो तो दाल चावल के दीवाने हैं, अगर दाल-चावल मिल गया तो समझिए उसके आगे काजू करी भी फेल है. राहुल गुप्ता बताते हैं कि उनके पूरे घर में दाल चावल के खाने के शौकीन हैं. अगर दाल में थोड़ा तड़का लगा दिया जाए, फिर तो सोने पर सुहागा हो गया. आप घर में कुछ भी बना दीजिए. लोग दाल चावल ही खाना पसंद करते हैं. राहुल गुप्ता बताते हैं कि वो रोटी खाना जितना पसंद नहीं करते, उतना दाल चावल खाना पसंद करते हैं."
शहडोल जिले के मिठौरी गांव के रहने वाले अशोक कोलबताते हैं कि उनके घर में तो धान की खेती ही इसलिए की जाती है कि साल भर के लिए चावल की व्यवस्था हो जाए और दलहन में अरहर की फसल इसलिए लगाई जाती है कि थोड़ी बहुत दाल की भी व्यवस्था हो जाए, क्योंकि दाल थोड़ी महंगी मिलती है. पूरे साल उनके घर में दाल चावल बनता है. कुछ बने या ना बने लेकिन दाल चावल जरूर बनेगा. उनके घर का वो प्रमुख अहारों में से एक है. अशोक बताते हैं कि उनके पूरे गांव और आसपास के गांव में भी दाल चावल के ही शौकीन लोग हैं. कई लोग तो धान की खेती ही इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें साल भर के लिए दाल चावल के खाने की व्यवस्था हो जाए.
शहडोल की प्रमुख फसल
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्रसिंह बताते हैं कि "जो शहडोल जिले की मुख्य फसल है, वो खरीफ सीजन में धान की फसल है. धान के साथ-साथ दलहनी की फसलें जो लगाई जाती हैं, उसमें मुख्य फसल अरहर की फसल है. इसके अलावा थोड़ी मात्रा में उड़द और मूंग लगाई जाती है. यहां का मुख्य भोजन भी दाल चावल है. इसीलिए इसकी खेती अपने शहडोल जिले में पर्याप्त मात्रा में की जाती है. जहां पर ट्रेडिशनल परंपरागत रूप से खेती की जाती है, वो किसान बहुत अच्छे से जानता है, कि किस खेत में कौन सी फसल होनी है.