देहरादून: पूरा देश कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई अमानुषिक घटना के बाद गुस्से में है. लोग सड़कों पर उतरकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. अस्पताल में घटी इस घटना के बाद देशभर के डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. अस्पतालों में इस तरह की घटनाओं का हो जाना हमारे पूरे सिस्टम पर कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है.
उत्तराखंड में महिला अपराध (ETV Bharat Graphics) कोलकाता की घटना को सुनकर लोग हैरान हैं कि कैसे 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर के साथ पहले रेप होता है और फिर उसकी हत्या कर दी दी जाती है. अफसोस की बात ये है कि यह पूरा घटनाक्रम उस जगह पर होता है, जहां पर जहां वह ड्यूटी कर रही थी. उत्तराखंड में भी महिलाओं के साथ अनेक अपराधिक घटनाएं घट चुकी हैंं. इन घटनाओं को देखकर यह कहा जा सकता है कि घर हो या बाहर, अस्पताल हो या कोई दूसरा सुरक्षित स्थान वहां पर भी कुछ दरिंदे महिलाओं के ऊपर गंदी नजर रखते हैं.
कोलकाता के बाद घटी ये घटना:उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में 15 अगस्त के दिन ही एक ऐसे ही मामले का खुलासा उधमसिंह नगर पुलिस ने किया है. यहां पर कार्यरत एक नर्स के साथ उत्तर प्रदेश के बिलासपुर में एक निर्मम कृत्य किया गया. पहले तो नर्स को बलात्कार किया गया, उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई. इस पूरे घटनाक्रम में उत्तराखंड में पुलिस ने उत्तर प्रदेश के एक मजदूर को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम धर्मेंद्र बताया गया है, जो उत्तर प्रदेश के बरेली का निवासी है.
अस्पतालों में महिला अपराध की घटनाएं (ETV Bharat Graphics) घटना उस वक्त हुई जब 30 जुलाई के दिन नर्स रात को ड्यूटी समाप्त करके अस्पताल से अपने घर यूपी बिलासपुर लौट रही थी. तभी आरोपी ने पहले तो महिला नर्स के साथ बलात्कार किया. उसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. मामले की जानकारी पुलिस को तब मिली थी, जब परिजनों ने नर्स की गुमशुदा की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. महिला का शव खाली प्लॉट में पड़ा मिला था. उत्तराखंड के अस्पतालों में पहले भी महिलाओं से छेड़छाड़ की कई घटनाएं हो चुकी हैं.
एम्स की इस घटना ने किया था शर्मसार:एक घटना भला कौन भूल सकता है, जब इसी साल 23 मई के दिन ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में पुलिस की गाड़ी एक डॉक्टर को पकड़ने के लिए उस जगह तक पहुंची थी, जहां पर जाना गाड़ियों का संभव नहीं होता. लेकिन महिला डॉक्टर के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने एक पूरा प्लान बनाया और उसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया था.
दरअसल एम्स ऋषिकेश में ड्यूटी कर रही महिला डॉक्टर के साथ यह छेड़छाड़ उस वक्त हुई थी, जब वह पुरुष नर्सिंग ऑफिसर के साथ मिलकर एक ऑपरेशन कर रही थी. आरोप था कि इसी दौरान पुरुष नर्सिंग ऑफिसर ने महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ और अभद्रता की. इसके बाद मामला एक तरफा लग रहा था. लेकिन मामले ने तूल तब पकड़ा जब महिला डॉक्टर ने कुछ व्हाट्सएप के चैट दिखाए और यह बताया कि कैसे पुरुष नर्सिंग ऑफिसर उसको लगातार अश्लील मैसेज भेज रहा है. बाद में पुलिस ने इस पूरे मामले पर कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. इस घटना ने यह बता दिया था कि एम्स जैसे नामचीन और बड़े अस्पताल में भी इस तरह की घटना हो सकती है.
एम्स की इस घटना से गुस्से में था महिला स्टाफ:ऋषिकेश में ही घटना के तुरंत बाद एक और घटना घटी. जब 16 जून के दिन एक वीडियो सामने आया. इस वीडियो में दिख रहा था कि कैसे एक महिला चिकित्सक की नर्सिंग स्टाफ के साथ पहले तो तू-तू मैं-मैं होती है. उसके बाद नर्सिंग स्टाफ को एक थप्पड़ जड़ दिया जाता है. इस वीडियो के सामने आने के तुरंत बाद ऋषिकेश एम्स प्रशासन डॉक्टर को निलंबित कर देता है. ऋषिकेश कोतवाली में डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया जाता है. इस घटना के बाद एक बार फिर से ऋषिकेश का तमाम नर्सिंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट स्टाफ विरोध प्रदर्शन पर उतर आता है. हालांकि बाद में इस घटनाक्रम के बाद सभी विरोधियों को किसी तरह से समझा कर मना लिया जाता है, लेकिन ऋषिकेश में घटी इन घटनाओं ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए थे.
निजी अस्पताल में छेड़छाड़, फिर हुई गिरफ्तारी:अस्पताल कितने सुरक्षित हैं इसका पता एक और घटना से हमें लगता है. इसी साल 4 जुलाई के दिन उधमसिंह नगर के सितारगंज क्षेत्र में एक निजी अस्पताल में एक युवती अपने इलाज के लिए जाती है. तभी एक विवाद खड़ा हो जाता है. युवती ने अस्पताल के अटेंडेंट पर आरोप लगाया था कि उसके साथ अस्पताल के अंदर छेड़छाड़ की गई है. घटना के तुरंत बाद युवती के परिजन और युवती अस्पताल से सीधे कोतवाली पहुंच जाते हैं. यहां पर पूरे मामले को जब पुलिस सुनती है तो युवती की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है. सितारगंज पुलिस इस मामले में आज भी जांच कर रही है और धारा 75 (1) के तहत मुकदमा दर्ज किया हुआ है.
हरिद्वार में इंटर्न को कमरे में बंद करके की गई थी अश्लील हरकत:अस्पताल में छेड़छाड़ की एक और घटना हरिद्वार में इसी साल 15 जून 2024 को घटित हुई थी. जब इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के ऊपर हरिद्वार जिला अस्पताल में ही इंटर्न के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था. यह मामला इतना बढ़ गया था कि महिला आयोग को तत्काल इसमें बीच में आना पड़ा था. इस मामले में इंटर्न के परिवार के सदस्यों ने संबंधित ऑफिसर के खिलाफ शिकायत पत्र दिया था, जिसके बाद मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई और आगे की जांच की गई थी.
महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने इस मामले को लेकर उस वक्त हरिद्वार के सीएमओ से भी फोन पर बातचीत की थी. बताया जा रहा था कि साल 2023 से तैनात एक इंटर्न जब शाम 7:30 पर वहां पहुंची, तो अस्पताल का ही डॉक्टर ड्यूटी के बहाने उसे एक कमरे में लेकर चला गया. फिर दरवाजा बंद कर लिया. इसके बाद डॉक्टर, इंटर्न के साथ बदतमीजी और अश्लील हरकतें करने लगा. जब इंटर्न ने इसका विरोध किया तो उसे डराया और धमकाया गया. किसी तरह से इंटर्न उस कमरे से बाहर निकली और अपनी पूरी आपबीती स्टाफ और अपने परिवार के सदस्यों को बताई. इस घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया था.
हल्द्वानी के प्रतिष्ठित न्यूरोसर्जन पर महिला ने लगाया आरोप:हरिद्वार के बाद हल्द्वानी में भी इसी साल 23 जुलाई 2024 के दिन प्रतिष्ठित न्यूरोसर्जन पर एक महिला ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. महिला का आरोप था कि हल्द्वानी में एक बड़ा अस्पताल चला रहे डॉक्टर और अस्पताल के मालिक ने उसके साथ पहले अभद्रता की और उसे जान से मारने की धमकी दी. यह घटना तब हुई, जब महिला अपने इलाज के लिए गई थी. घटना के तुरंत बाद डॉक्टर के खिलाफ हल्द्वानी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई थी. इन तमाम घटनाओं को देख कर सवाल यह उठता है कि आखिरकार जिन जगहों पर महिलाएं ड्यूटी या अपना इलाज के लिए आ रही हैं, अगर डॉक्टर और वहां का स्टाफ इस तरह की हरकतें करेगा, तो भला महिलाएं अपने आप को कहां सुरक्षित महसूस करेंगी.
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष की बात (ETV Bharat Graphics) पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं:यह वह मामले हैं, जो इस साल ही प्रकाश में आए हैं. इससे पहले साल 2021 की अगर बात करें तो टनकपुर से भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है. अगस्त की 21 तारीख को 1 महिला अपने कुछ टेस्ट करवाने के लिए अस्पताल में गई थी. टेस्ट करने के बहाने टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय में महिला के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी. साल 2018 में भी देहरादून के सरकारी दून महिला अस्पताल में भी छेड़छाड़ का एक मामला सामने आया था. तब न केवल आरोपी व्यक्ति ने महिला के साथ छेड़छाड़ की थी, बल्कि उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी. महिला के शोर मचाने के बाद व्यक्ति वहां से भाग गया था. बाद में पहुंची पुलिस को किसी तरह का कोई साक्ष्य और शिकायत न मिलने की वजह से इस मामले पर कार्रवाई नहीं हो पाई थी.
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष की बात (ETV Bharat Graphics) महिला आयोग की अध्यक्ष क्या बोलीं?कोलकाता का मामला हो या फिर उत्तराखंड में हो रहे इस तरह के घटनाक्रम, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल का कहना है कि कोलकाता में जो कुछ भी हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मामले को लेकर सभी लोग चिंतित हैं. बात उत्तराखंड के अस्पतालों या अन्य संस्थाओं की करें तो, जहां पर महिलाएं दिन और रात की ड्यूटी करती हैं, हमने उन सभी को पहले भी पत्र लिखे हैं. एक बार फिर से पत्र लिखकर यह अवगत कराया जा रहा है कि तमाम मानक ऐसी जगह पर पूरे रखें. सीसीटीवी कैमरे रखें और सुरक्षा गार्ड की तैनाती अनिवार्य होनी चाहिए. जिन जगहों पर महिलाएं अपनी सेवाएं दे रही हैं, चाहे वह अस्पताल हो, मॉल हो, होटल हो या अन्य संस्थान, वहां के ऑनर और वहां के अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि किसी भी महिला के साथ किसी भी तरह का अपराध न हो. पूर्व में अगर अस्पतालों में इस तरह के अपराध उत्तराखंड में घटे थे, तो मैंने खुद ही संज्ञान लेकर उनमें कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
स्वास्थ्य सचिव का बयान (ETV Bharat Graphics) स्वास्थ्य सचिव ने क्या कहा? उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर कहते हैं कि उत्तराखंड में जितने भी सरकारी अस्पताल हैं, वहां के लिए एक व्यवस्था की गई है. पीआरडी के जवान और रिटायर फौजियों को हमने वहां पर तैनात कर रखा है. इतना ही नहीं हर बड़े अस्पताल में ही चौकी खोल रखी है, ताकि किसी तरह की कोई भी दिक्कत स्टाफ, मरीज या अन्य व्यक्ति को आती है तो वह तुरंत उन तक पहुंचा सकते हैं. रही बात प्राइवेट अस्पतालों की, तो उनके लिए भी एक गाइडलाइन है. उस गाइडलाइन में हमने सभी को यह कह रखा है कि महिला और पुरुष दोनों सुरक्षा गार्ड अस्पताल में तैनात रहेंगे. महिला को अगर रात को अस्पताल से घर तक जाना है, तो उसकी आने-जाने की सुरक्षा व्यवस्था अस्पताल प्रशासन को बेहतर तरीके से करनी होगी. हम इसको लेकर लगातार बैठक भी करते रहते हैं. पूर्व में जो घटनाएं घटी हैं, उन सभी घटनाओं में हमने आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की है.
स्वास्थ्य सचिव का बयान (ETV Bharat Graphics) अगर बात पूरे उत्तराखंड में महिला अपराध की करें, तो हर साल उत्तराखंड में महिला अपराध की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. नेशनल क्राइम ब्यूरो की साल 2023 की रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड महिला अपराध के मामले में छठे नंबर पर है. पहले स्थान पर आंध्र प्रदेश है. प्रदेश की महिला आयोग के पास भी महिला अपराधों की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है, जो यह बताता है कि प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराध किस तरह रहा बढ़ रहे हैं.
ये भी पढ़ें:
कोलकाता में डॉक्टर के बाद उत्तराखंड में नर्स के साथ बर्बरता, रेप के बाद की निर्मम हत्या
पुलिस का जीप ऑपरेशन! AIIMS की तीसरी मंजिल पर गाड़ी दौड़ाई, महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ के आरोपी को ऐसे पकड़ा, SIT गठित
AIIMS ऋषिकेश में नर्सिंग ऑफिसर पर महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ का आरोप, पुलिस हिरासत में आरोपी