बीजापुर :छत्तीसगढ़ में गृहमंत्री अमित शाह के दौरे से पहले सुरक्षा बल के जवानों ने नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उन्हें ढेर किया है. जिससे नक्सलियों की माड़ डिविजन में अफरा तफरी मच चुकी है. सुरक्षा बल के जवानों ने सात वर्दीधारी नक्सलियों को मार गिराया है. मारे गए नक्सलियों के शव को भैरमगढ़ थाना लाया गया है. जहां से शवों को नारायणपुर भेजा जाएगा.
नक्सलियों के गढ़ में चल रहा ऑपरेशन :आपको बता दें कि दक्षिणी अबूझमाड़ में नक्सलियों के माड़ डिविजन के विरुद्ध नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है.जिसमें सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों के गढ़ में जाकर उनसे लोहा ले रहे हैं.इस अभियान में 4 जिलों की डीआरजी के साथ एसटीएफ और सीआरपीएफ के जवान भी शामिल किए गए हैं.बीजापुर में हुई नक्सली मुठभेड़ के बाद सर्चिंग में अब तक दो महिला नक्सलियों समेत 7 वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं.मौके से सुरक्षा बल के जवानों ने हथियार और नक्सलियों से जुड़ी हुई सामग्री बरामद की है.
10 दिसंबर 2024 को दक्षिण अबूझमाड़ हंदवाड़ा से मैसेज आया. जो की दंतेवाड़ा और नारायणपुर का सीमावर्ती इलाका है.वहां माड़ डिविजन,इंद्रावती कमेटी के 30 से 40 नक्सलियों के जमा होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद सर्चिंग अभियान पर संयुक्त DRG नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, कोंडागांव, सीआरपीएफ एवं STF की पार्टी भेजी गई थी. 10 दिसंबर को ऑपरेशन शुरु किया गया. जिसमें इंद्रावती नदी को पार करके नक्सलियों को घेरा गया.जब उनको 12 तारीख सुबह ये अंदेशा हुआ कि वो घेर लिए गए हैं तो फायरिंग शुरु हुई.ये फायरिंग रुक-रुककर शाम 5 बजे तक चली.फायरिंग रुकने के बाद शाम को सर्च ऑपरेशन में दो महिला समेत 7 वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद हुए.इस मुठभेड़ में कोई भी जवान हताहत नहीं हुआ है.मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन जारी है- गौरव राय, एसपी दंतेवाड़ा
365 दिन में 217 नक्सली ढेर :बीते एक साल की बात करें तो दिसंबर 2023 से 12 दिसंबर 2024 तक मुठभेड़ में 217 नक्सली ढेर हो चुके हैं.जिनके शव बरामद करके शिनाख्ती कराई गई है.इसी तरह अबूझमाड़, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और कांकेर जिले में 130 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं. सिर्फ नारायणपुर जिले में पिछले 1 साल में 56 नक्सली मारे जा चुके हैं. ये आंकड़े अबूझमाड़ में नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षा बलों के प्रहार और सफलता को दर्शाता है.
डिप्टी सीएम ने भी जवानों के साहस को सराहा :वहीं छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आज सूचना के आधार पर कार्रवाई की जाती हैं. ड्रोन से नक्सलियों को ट्रेस किया जाता है. इसलिए किसी के पास कोई रास्ता नहीं है. आने वाले वर्षों में नक्सलवाद का आतंक बस्तर से समाप्त होना चाहिए. यह सरकार का संकल्प है.
पिछले एक साल के बड़े नक्सल एनकाउंटर
22 नवंबर 2024: छत्तीसगढ़ के सबसे दक्षिणी जिले सुकमा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दस नक्सली मारे गए. मारे गए लोगों में एक नक्सी कमांडर भी शामिल था, जो पिछले कई वर्षों से उन मुठभेड़ों में शामिल था, जिसमें 60-80 जवानों की मौत हुई थी.
16 नवंबर 2024: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में उग्रवाद विरोधी अभियान में पांच नक्सली मारे गए और दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए. नारायणपुर और कांकेर जिलों की सीमा पर उत्तरी अबूझमाड़ के एक जंगल में सुबह करीब 8 बजे गोलीबारी शुरू हुई थी, जब सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी.
04 अक्टूबर 2024: 4 अक्टूबर की मुठभेड़ में 38 नक्सली मारे गए. राज्य के 24 साल के इतिहास में एक ही ऑपरेशन में नक्सलियों की सबसे अधिक मौतें हुईं. मारे गए नक्सलियों पर सामूहिक रूप से 2.62 करोड़ रुपये का इनाम था. यह मुठभेड़ नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर थुलथुली और नेंदुर गांवों के बीच जंगल में अबूझमाड़ इलाके में हुई. राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एक संयुक्त टीम ऑपरेशन में शामिल थी.
03 सितंबर 2024:छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में मुठभेड़ में 9 नक्सली मारे गए. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में चल रही मुठभेड़ के दौरान जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया.
02 जुलाई 2024: बस्तर के नारायणपुर जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए.
15 जून 2024:अबूझमाड़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 8 नक्सली मारे गए. वहीं एक जवान शहीद हुआ जबकि दो जवान घायल हुए.