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सिवनी में किराए के मकान में चल रहा था स्कूल, मालिक ने रेंट मांगा तो आसमान के नीचे लगने लगी क्लास - CHILDREN STUDYING UNDER TREES

सिवनी के ग्राम बरसला में स्कूल की जर्जर बिल्डिंग गिरा दी गई. अब बच्चे खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

CHILDREN STUDYING UNDER TREES
खुले आसमान के नीचे चल रहा है स्कूल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 22, 2024, 10:50 PM IST

Updated : Dec 22, 2024, 10:57 PM IST

सिवनी:मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की छपारा जनपद क्षेत्र के ग्राम बरसला में प्राथमिक शाला की जर्जर बिल्डिंग को गिरा दिया गया था. यह ध्वस्तीकरण लखनादौन एसडीएम के आदेश के बाद हुआ था. लेकिन अभी तक नई बिल्डिंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चों को इस कड़कड़ाती ठंड में पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ना पढ़ रहा है.

इंतजाम के पहले बिल्डिंग कर दी गई ध्वस्त

बताया जाता है कि, प्राथमिक शाला वरसला की बिल्डिंग बहुत अधिक जर्जर थी, जिसका डिस्मेंटल किया जाना था. लेकिन स्कूली बच्चों को बैठने की जगह का स्थाई इंतजाम करने के पहले ही उसे ध्वस्त कर दिया गया. इसके बाद लगभग 6 माह पहले से बीआरसी छपारा द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं को एक निजी भवन में क्लास लगाने के लिए बैठाया जाने लगा.

खुले आसमान में लगाई जा रही है क्लास

स्कूल के प्रधानाचार्य पुनाराम भलावी ने बताया कि "स्कूल की बिल्डिंग ध्वस्त होने के बाद गांव के ही एक व्यक्ति हीरा सिंह के घर में कक्षाएं लगाई जा रही थीं. कुछ दिनों में मकान मालिक द्वारा किराए की डिमांड करते हुए पैसे की मांग की जाने लगी. जिस वजह से बच्चों की स्कूल परिसर के अंदर खुले आसमान के नीचे क्लास लगाई जा रही है."

पुनाराम भलावी ने आगे बताया "जब उनसे मकान मालिक ने किराए की मांग की तो उन्होंने किराए देने से इनकार कर दिया. क्योंकि उन्हें भी शासन से कोई भी राशि किराए के रूप में नहीं मिलती है. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की सूचना दे दी गई है. लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है सूचना

स्थानीय बीआरसी रवि शंकर ने मामले पर संज्ञान लेते हुए बताया कि "जल्द ही किसी अन्य व्यक्ति के घर स्कूल लगाने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि बच्चों को उचित प्रकार से बिठाया जा सके और उनकी पढ़ाई बाधित न हो. स्कूल की नई बिल्डिंग के लिए जिला स्तर से भोपाल तक फाइल पहुंचा दी गई है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है."

Last Updated : Dec 22, 2024, 10:57 PM IST

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