पटना: लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने एक दिन में दो चुनावी सभा की. उन्होंने पहली सभा महात्मा बुद्ध की धरती गया लोकसभा क्षेत्र में की. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत राम मांझी और सुशील सिंह के लिए वोट मांगा. इस दौरान उन्होंने लालू यादव पर जमकर हमला बोला. वहीं, पूर्णिया लोकसभा सीट पर पीएम मोदी ने जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा को त्रिकोणात्मक लड़ाई से बाहर निकालने की कोशिश की.
राजद को बेनकाब करने की कोशिश:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एनडीए के आठ लोकसभा क्षेत्र को साधने की कोशिश की. एक दिन में दो चुनावी सभा कर पीएम मोदी ने तेवर दिखलाएं. पीएम मोदी ने परिवारवाद जंगल राज और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजद को बेनकाब करने की भी कोशिश की. मगध क्षेत्र में जहानाबाद, गया, औरंगाबाद और नवादा लोकसभा क्षेत्र को पीएम मोदी फुल प्रूफ करना चाहते थे. इसके अलावा सीमांचल के चार लोकसभा क्षेत्र पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, लोकसभा सीट को भी साधने की कोशिश हुई.
मगध क्षेत्र के चारों लोकसभा सीट पर एनडीए:बता दें कि सीमांचल के चार में से तीन सीट पर जदयू का कब्जा है और एक बीजेपी के खाते में है. मगध क्षेत्र के तीन लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है, तो एक लोकसभा सीट पर जदयू का कब्जा है. मगध क्षेत्र के चारों लोकसभा सीट एनडीए के पास हैं.
सीमांचल में दोनों दल के बराबर विधायक:2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन मगध क्षेत्र में मजबूत होकर उभरी थी. 26 में से 20 सीटों पर महागठबंधन ने जीत हासिल की थी, जबकि सीमांचल इलाके में 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को 17 सीटों पर जीत मिली थी तो एनडीए के खाते में 23 विधानसभा सीट गई थी. सीमांचल में बीजेपी के आठ विधायक हैं तो जदयू के चार विधायक है. कुल मिलाकर 12 विधायक एनडीए के हैं और महागठबंधन के भी 12 विधायक हैं. विधायकों की ताकत के लिहाज से दोनों गठबंधन आमने-सामने हैं.
पासवान वोट पाने की उम्मीद: गया लोकसभा सीट हॉट सीट है और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हम पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जीतन राम मांझी का मुकाबला कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के साथ है. कुमार सर्बजीत पासवान जाति से आते हैं और लालू प्रसाद यादव को इस बात की उम्मीद है कि पासवान जाति का कुछ वोट राष्ट्रीय जनता दल के साथ आ सकता है.
जीतन राम मांझी का पाला भारी:जीतन राम मांझी का दावा इसलिए भी मजबूत है कि वह वहां के स्थानीय कैंडिडेट हैं. इसके अलावा इस बार उन्हें एनडीए का टिकट मिला है. जीतन राम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनके बेटे संतोष सुमन बिहार सरकार में मंत्री हैं. दोनों नेताओं के प्रभाव का फायदा एनडीए को मिल सकता है.
वोट बैंक में नहीं होगा बिखराव: पिछले लोकसभा चुनाव में जीतन राम मांझी को 314000 वोट हासिल हुए थे और वह लगभग डेढ़ लाख वोटों से चुनाव हारे थे. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जीत को लेकर सकारात्मक है. जीतन राम मांझी को एनडीए की टिकट पर उम्मीद है. मुसहर जाति के वोट बैंक में बिखराव नहीं होगा.