हरियाणा में चुनाव के लिए सुरक्षा कड़ी, तैनात रहेंगी अर्ध सैनिक बलों की 112 कंपनियां, 35 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी - Security for Election in Haryana - SECURITY FOR ELECTION IN HARYANA
SECURITY FOR ELECTION IN HARYANA: हरियाणा में 25 मई को मतदान है. प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से चुनावी प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए गुरुवार को डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बैठक की. इस बैठक में हरियाणा के बड़े अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े. सभी अधिकारियों को कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए जरूरी निर्देश दिए गये.
चंडीगढ़: हरियाणा में 25 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने के संबंध में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर की वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में प्रदेश भर के पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस आयुक्तों, पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपायुक्तों समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया. बैठक में पुलिस बल की तैनाती करने समेत मतदान प्रक्रिया को शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न करवाने को लेकर विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई.
सुरक्षा के लिए अर्ध सैनिक बलों की 112 कंपनियां
बैठक में बताया गया कि लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा पुलिस के 35 हजार से अधिक पुलिसकर्मी (एसपीओ सहित), पैरामिलिट्री फोर्स की 112 कंपनियां, 24 हजार से अधिक होमगार्ड के जवान तैनात रहेंगे. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अंतरराज्यीय (इंटर स्टेट) सीमाओं पर कुल 300 नाके लगाए जाएंगे.
प्रदेश में कुल 20 हजार 6 मतदान केंद्र:
हरियाणा में मतदान के लिए 10 हजार 343 स्थानों पर कुल 20 हजार 6 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इसके अलावा, 1362 स्थानों पर 3033 मतदान केंद्रों को संवेदनशील (क्रिटिकल) माना गया है और 51 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है. इन मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा. साथ ही प्रदेश में 418 फ्लाइंग स्क्वायड टीम, 415 स्टेटिक सर्विलांस टीम और 34 क्विक रिस्पांस टीम बनाई गई है. प्रदेश में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा आदर्श आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करने को लेकर 1039 पेट्रोलिंग पार्टी भी लगाई गई हैं, जो दिन-रात गश्त कर रही हैं.
एडीजीपी ने अधिकारियों को दिया निर्देश
बैठक में एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) संजय कुमार ने 25 मई को प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने संबंधी तैयारियों की रिपोर्ट पेश की. डीजीपी ने कहा कि चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, ताकि लोग बिना डरे निष्पक्ष तरीके से मतदान कर सकें. इसलिए सभी पुलिस अधिकारी चुनाव ड्यूटी को लेकर किसी तरह का संशय ना रखें और अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के बारे में स्पष्टता लाने के लिए उनकी ब्रीफिंग करते रहें.
एडीजीपी ने कहा कि मतदान केंद्र पर कानून व्यवस्था बाधित करने संबंधी संभावित अलग-अलग परिस्थितियों के उत्पन्न होने पर पुलिसकर्मियों को कब, क्या और कैसे काम करना है, इसे लेकर उन्हें स्पष्टता होनी अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि वे पुलिसकर्मियों को जरूरी नंबरों की सूची उपलब्ध करवाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर संबंधित अधिकारी से संपर्क किया जा सके. साथ ही पुलिस अधीक्षक, जिला उपायुक्त के साथ तालमेल स्थापित करते हुए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप प्रत्येक स्तर पर कानून व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करें.
डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि बूथों पर तैनात पुलिसकर्मी को कानून व्यवस्था सुनिश्चित करनी है. हर पुलिसकर्मी को अपने डूज और डोन्ट्स अच्छे से पता होने चाहिए. इस मामले में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पुलिस अधिकारी से लेकर ड्यूटी पर तैनात अंतिम पुलिसकर्मी तक को मैसेज साफ और स्पष्ट होना चाहिए. सभी पुलिसकर्मियों में आपस में मजबूत तालमेल बनाए रखने के लिए संचार तंत्र का उपयोग करना बहुत जरूरी है.
सक्रिय नियंत्रण कक्ष, त्वरित कार्रवाईः डीजीपी ने कहा कि पुलिस अधिकारी नियंत्रण कक्षों पर उपलब्ध स्टाफ से संपर्क में रहे और वहां चुनाव संबंधी आने वाली प्रत्येक कॉल पर नजर बनाए रखें. चुनाव संबंधी प्रत्येक फोन अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, इसलिए नियंत्रण कक्ष में फोन आने के बाद मैसेज कहां, कैसे और किस अधिकारी या कर्मचारी तक पहुंचना है, यह सुव्यवस्थित होना चाहिए.
नए कानूनों पर प्रशिक्षण व मॉक एक्सरसाइजः
बैठक में तीन नए कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई. डीजीपी कपूर ने कहा कि तीन नए कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने में जिला पुलिस उपायुक्तो एवं पुलिस अधीक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने उनसे कहा कि वे अनुसंधान अधिकारियों को नए कानून के बारे में अच्छे से प्रशिक्षण करवाने की दिशा में काम करें. 25 मई के बाद अनुसंधान अधिकारियों की इन नए कानून को लेकर मोक एक्सरसाइज करवाने की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि 1 जुलाई 2024 तक प्रत्येक अनुसंधान अधिकारी पूरे आत्मविश्वास के साथ नए कानूनों के अनुरूप कार्य कर सके.