रांची: झारखंड सचिवालय सेवा संघ चंपाई सरकार से खासे नाराज हैं. इनकी नाराजगी मंगलवार को मौन प्रदर्शन के रूप में प्रोजेक्ट भवन में दिखाई दी. प्रशासी पदवर्ग में संयुक्त सचिव और उपसचिव के पदों का सृजन पिछले 15 महीने से कार्मिक विभाग द्वारा लटका कर रखे जाने से नाराज हैं. सचिवालयकर्मियों ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए हड़ताल पर जाने तक की चेतावनी दी है.
झारखंड सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष का बयान (वीडियो ईटीवी भारत) झारखंड सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद के नेतृत्व में पांच सूत्री मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सचिवालयकर्मियों ने इस दौरान प्रोजेक्ट भवन के अंदर अपना विरोध प्रदर्शित किया.
सचिवालयकर्मियों की ये है मांग
- संयुक्त सचिव/उपसचिव के अतिरिक्त प्रस्तावित पदों का सृजन किया जाए
- कार्मिक विभाग के संकल्प संख्या 3286 को लागू किया जाए
- ससमय प्रोन्नति प्रदान किया जाए
- सभी रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति की जाए
- सचिवालय को अनुबंध/आउटसोर्स पर देना बंद किया जाए
ठेका पर चल रहा है सरकार का सचिवालय, 2500 स्वीकृत पद में महज 900 है कार्यरत-संघ
आंदोलनरत सचिवालयकर्मियों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पिछले आठ वर्षों से सचिवालय सहायक प्रशाखा पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है. ऐसे में सचिवालय का काम कॉट्रेक्ट और ठेका पर चल रहा है. संघ के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि सचिवालय की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि यहां 2500 स्वीकृत पद हैं, इसमें महज 900 कार्यरत हैं. सचिवालय सहायक की नियुक्ति का हाल यह है कि कभी प्रश्न पत्र लीक होता है तो कभी परीक्षा आयोजित नहीं हो पाती है. ऐसे में सचिवालय ठेका पर चल रहा है. सरकार यदि हमारी मांगों को नहीं मानती है तो आगे चरणबद्ध आंदोलन के तहत काला बिल्ला लगाकर विरोध किया जायेगा उसके बाद हड़ताल पर भी हमलोग जा सकते हैं.
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