हरिद्वारः 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. हर दिन लाखों शिवभक्त कांवड़ लेकर गंगा जल लेने हरिद्वार आ रहे हैं और जल लेकर अपने-अपने शिवालयों के लिए रवाना हो रहे हैं. इस दौरान जल लेने से पहले कांवड़िए गंगा स्नान भी करते हैं. दूसरी तरफ बारिश होने के कारण गंगा का प्रवाह काफी तेज है. यही कारण है कि कई बार कांवड़ियों के साथ गंगा स्नान के साथ अनहोनी भी हो जाती है. ऐसे में एसडीआरएफ और जल पुलिस कांवड़ियों को बचाकर देवदूत के रूप में सामने आ रही है.
15 साल से कांवड़ मेले में सेवा:कांवड़ मेले में तैनाती और मेले में आने वाली चुनौतियों को लेकर एसडीआरएफ के हेड कॉन्स्टेबल आशिक अली से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि वह 2015 से लगातार कांवड़ मेले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने अब तक 100 से ज्यादा कांवड़ियों को डूबने से बचाया है. वहीं कांवड़ियों को डूबने से बचाने पर वह कहते हैं, 'हमें बहुत ही कम रिस्पांस टाइम मिलता है. इसी के साथ डूबने वाला व्यक्ति काफी पैनिक हो रखा होता है. इसलिए हम पूरी टीम मिलकर एक साथ काम करते हैं. तभी हमें सफलता प्राप्त होती है'.
वहीं, नेमप्लेट विवाद के सवाल पर आशिक अली कहते हैं कि, 'हमारा कार्य लोगों की जान बचाना है. जब मैं किसी कांवड़ियों को गंगा में डूबने से बचाता हूं तो उसे मेरे नाम या धर्म से कोई मतलब नहीं रहता है. वे व्यक्ति सिर्फ मेरा या मेरे अन्य साथियों का धन्यवाद करता है. कई बार तो वह व्यक्ति हमें 'भगवान' तक का 'दर्जा' देने लगता है. लेकिन यह सिर्फ हमारी सेवा है. हमें इस सेवा का अवसर मिला है, जो हम बखूबी निभा रहे हैं'.