नई दिल्ली/नोएडा:नोएडा के सेक्टर-27 स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली चार साल की छात्रा के साथ स्कूल में डिजिटल रेप के मामले में पुलिस ने स्कूल प्रशासक और क्लास टीचर को गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया. दोनों पर घटना को छिपाने और साक्ष्य को मिटाने का आरोप है. इस मामले में मुख्य आरोपी की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस मामले की जांच सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कर रही है. वहीं, गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जमानत मिल गई.
नर्सरी की छात्रा के साथ हुआ था डिजिटल रेप :नोएडा के सेक्टर-27 स्थित एक प्राइवेट स्कूल में प्री नर्सरी स्कूल में पढ़ने वाली चार साल की मासूम के साथ स्कूल में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी ने डिजिटल रेप किया था. इसके बाद बच्ची को क्लास टीचर ने घर पर बताने से मना कर दिया था, और उसे डरा दिया था. 8 अक्टूबर को पेट में दर्द होने की शिकायत पर परिजन बच्ची को डॉक्टर के पास ले गए थे. जहां बच्ची के साथ अश्लील हरकत करने की जानकारी हुई. इसके बाद बच्ची के माता-पिता ने पुलिस से शिकायत की थी और कोतवाली सेक्टर 20 में पुलिस ने 10 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज कर आरोपी हाउसकीपिंग स्टाफ नित्यानंद को गिरफ्तार कर लिया था.
मामले में दोषी किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा :एडीसीपी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद घटना की जांच की जा रही है. जांच के क्रम में क्लास टीचर मधु मेनघानी और स्कूल के कार्यालय प्रशासक दयामय महतो को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस घटना में अगर किसी अन्य का नाम प्रकाश में आता है तो उसके खिलाफ भी नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. जो भी दोषी होंगे उनको बख्शा नहीं जाएगा. थाना सेक्टर 20 में आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 (2), 5(एफ)(एम), छह और POCSO एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
क्या होता है डिजिटल रेपःभारतीय कानून के अनुसार, डिजिटल रेप का नाम अंग्रेजी शब्द 'डिजिट' से लिया गया है. जिसका सीधा संबंध हाथ या पैर की उंगलियों से है. डिजिटल रेप नाम सुनकर ऐसा लगता है कि इसका संबंध डिजिटल गैजेट या वर्चुअल यौन उत्पीड़न से है. लेकिन असल में ऐसा नहीं है. एक जेंडर न्यूटल शब्द है और किसी भी प्रकार के पीड़ित या अपराधी पर लागू होता है.