सरगुजा:बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ जनपद पंचायत सीईओ ने 4 सितंबर 2024 को ई मेल के जरिए एक शिकायत उच्च अधिकारियों को भेजी. इस शिकायत में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अंबिकापुर की शाखा शंकरगढ़ में वित्तीय अनियमितता का खुलासा करते हुए जांच की मांग की गई.
साल 2022 से 2024 के बीच करोड़ों का घोटाला: शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया कि बैंक कर्मचारियों, अधिकारियों ने मिलकर समितियों के केसीसी खातों से संबंधितों के बचत खाते में राशि ट्रांसफर कर गबन किया है. इस मामले की जांच नाबार्ड टीम से कराई गई. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अंबिकापुर की सांविधिक निरीक्षण 2022-23 और साल 2023-24 की जांच नाबार्ड के रायपुर ऑफिस की तरफ से की गई.
9 जनवरी से 29 जनवरी तक सरगुजा में इस पूरे मामले की जांच की गई. 29 जनवरी को कलेक्टर और प्राधिकृत अधिकारी (बोर्ड) की बैठक में नाबार्ड के अधिकारियों ने सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति कलेक्टर सरगुजा के सामने रखी. जिसके बाद खुलासा हुआ कि बैंक में 13 करोड़ 14 लाख 82 हजार 590 रुपए की वित्तीय अनियमितता हुई है.
बैंक के वर्तमान और रिटायर कर्मचारियों पर कार्रवाई:सहकारी बैंक में हुए बड़े घोटाले में बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई. जिसके बाद बैंक के प्राधिकृत अधिकारी विलास भोसकर ने वर्तमान में कार्यरत बैंक कर्मचारियों को निलंबित करते हुये संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया.
अशोक कुमार सोनी सहायक मुख्य पर्यवेक्षक बैंक आई.डी.क्रमांक 631 प्रभारी शाखा प्रबंधक शाखा शंकरगढ़, जगदीश प्रसाद सहायक लेखापाल बैंक आई.डी क्रमांक 633 प्रभारी शाखा प्रबंधक शाखा कुसमी, समल साय सेवा निवृत्त सहायक मुख्य पर्यवेक्षक बैंक आई.डी क्रमांक 527 निवासी ग्राम पोस्ट भगवतपुर कुसमी जिला बलरामपुर, प्रकाश सिंह कम्प्यूटर आपरेटर शाखा कुसमी को निलंबित करते हुये एफआईआर के निर्देश दिए गये हैं.
सहकारी बैंक के 6 शाखाओं में हो चुकी है गड़बड़ी: इसके पहले भी सरगुजा कलेक्टर ने संभाग में संचालित बैंक की 6 शाखाओं में उजागर हुए वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य स्तरीय टीम गठित कर सघन जांच कराये जाने और आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो रायपुर से जांच कराने सहकारिता सचिव को पत्र लिखा है. पत्र के अनुसार बैंक कर्मचारियों और कम्प्यूटर ऑपरेटर ने मिलकर समितियों के केसीसी खातों का नाम बदलकर संबंधितों के बचत खाते में राशि स्थानान्तरण कर गबन किया गया है. जिसमें बैंक ने एफआईआर दर्ज कराई. इसके अलावा संबंधित कर्मचारियों की सेवायें समाप्त कर दी गई है.
सहकारी बैंक शाखा रामानुजगंज के शंकर राम भगत तत्कालीन शाखा प्रबंधक, पंकज विश्वास तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर, विजय उइके तत्कालीन संस्था प्रबंधक, राजेश कुमार पाल, तत्कालीन लिपिक शामिल हैं. इसी प्रकार शाखा राजपुर के कर्मचारियों ने समिति के केसीसी. खातों का नाम बदलकर फर्जी तरीके से राशि का समायोजन समितियों के खाते में किया गया. शाखा के एस.एन.जोशी तत्कालीन शाखा प्रबंधक, मनोज शर्मा तत्कालीन समिति प्रबंधक (सेवानिवृत) को बैंक ने कारण बताओ नोटिस जारी किया. तत्कालीन शाखा प्रबंधक एसएन जोशी को निलंबित किया गया है.
शाखा प्रेमनगर के आडिट के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि बैंक के सीए ने एफडी और बचत खाते की राशि का गलत तरीके से समायोजन कर गबन किया. जिसमें शाखा के लिपिक दीपक सोनी और तत्कालीन शाखा प्रबंधक राजेश मिश्रा पर कार्रवाई की गई. शाखा भैयाथान में किसानों को गलत तरीके से ऋण देकर गबन किया गया. जिसकी एफआईआर कराई गई है. संबंधित कर्मचारियों और सहायक मुख्य पर्यवेक्षक अजीत सिंह के खिलाफ विभागीय जांच जारी है.