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सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद सुक्खू सरकार को लगा झटका, जानिए क्या है मामला - SC on MC solan

10 जून को प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर दलबदल कानून के तहत सोलन की मेयर और पूर्व मेयर की सदस्यता को रद्द कर दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम सोलन की मेयर ऊषा शर्मा और पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर की पार्षद की सदस्यता को रद्द करने वाले इस आदेश पर रोक लगा दी है.

फाइल फोटो
फाइल फोटो (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 3:57 PM IST

Updated : Aug 21, 2024, 4:18 PM IST

सुप्रीम कोर्ट से सोलन नगर निगम की मेयर और पूर्व मेयर को राहत (ETV BHARAT)

सोलन:सुप्रीम कोर्ट से सुक्खू सरकार को एक बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम सोलन की मेयर ऊषा शर्मा और पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर की पार्षद की सदस्यता को रद्द करने वाले सरकारी आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट के इस फैसले के बाद अगले आदेश तक ऊषा शर्मा ही नगर निगम सोलन की मेयर बनी रहेंगी.

इस दौरान उषा शर्मा और पूनम ग्रोवर ने कहा कि,'न्याय की जीत हुई है. उनके खिलाफ षड्यंत्र किया गया और उनकी पार्षद की सदस्यता को रद्द किया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद उन्हें न्याय मिला है. पहले की ही तरह विकास कार्यों को जारी रखा जाएगा. जिन लोगों ने भी उनके खिलाफ षड्यंत्र किया था उन्हें आने वाले समय में जवाब जरूर मिलेगा.'

22 अगस्त को होना था मेयर का चुनाव

बता दें कि प्रदेश सरकार ने दलबदल कानून के तहत मेयर ऊषा शर्मा और पून ग्रोवर के खिलाफ यह कार्रवाई की थी. सरकार ने 10 जून को यह आदेश जारी किए थे. इसके बाद सोलन नगर निगम में 22 अगस्त को मेयर का चुनाव होना था. उससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आ गया है. अभी तक कांग्रेस में मेयर को लेकर सहमति नहीं बन रही थी. इसे देखते हुए सरकार ने पिछले दिनों एमसी एक्ट चुनाव के नियम में संशोधन किया था. इसके मुताबिक राज्यसभा की तरह पार्षदों को भी अपना वोट दिखाना होगा.

मेयर ऊषा शर्मा और पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर और सुप्रीम कोर्ट के आदेश (ETV BHARAT)

बहुमत के बाद भी कांग्रेस को करना पड़ा था हार का सामना

बता दें कि 7 दिसंबर, 2023 को नगर निगम सोलन के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में कांग्रेस को बहुमत के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस से बगावत कर ऊषा शर्मा मेयर और भाजपा की मीरा आनंद डिप्टी मेयर बनी थीं. चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस ने दलबदल कानून के तहत मेयर ऊषा शर्मा, पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर, पूर्व डिप्टी मेयर राजीव कौड़ा व पार्षद अभय शर्मा के खिलाफ शिकायत की थी. सरकार ने इस शिकायत के आधार पर मेयर ऊषा शर्मा व पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर की पार्षद की सदस्यता को रद्द कर दिया था, जबकि राजीव कौड़ा और अभय शर्मा कार्रवाई से बच गए थे. 10 जून को सरकार के आदेशों के बाद मेयर और पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद से सोलन में मेयर का पद खाली चला हुआ था. अब 22 अगस्त को मेयर का चुनाव होना था. उससे पहले ही सरकार के आदेश पर रोक लग गई. सुप्रीम कोर्ट का या फैसला सरकार और कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका है.

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Last Updated : Aug 21, 2024, 4:18 PM IST

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