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भगवान भोलेनाथ के लाखों भक्तों को दर्शन कराएगी पुलिस, डीसीपी सेंट्रल बोले- सब ओके - Anandeshwar temple Kanpur

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 20, 2024, 7:04 AM IST

कानपुर के प्राचीन और ऐतिहासिक आनंदेश्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने लाखों भक्त सावन में दर्शन करने आएंगे. इस बारे में शहर के डीसीपी ने कहा है, कि सब ओके है. भक्तों को दर्शन करने में किसी तरह की असुविधा नहीं होगी.

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आनन्देश्वर मन्दिर में तैयारियां परखती पुलिस (Photo Credit; ETV Bharat)

डीसीपी सेंट्रल राजेश सिंह ने दी जानकारी (video credit- Etv Bharat)

कानपुर: शहर में काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर बने भगवान भोलेनाथ के सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक आनंदेश्वर मंदिर में सावन के पहले दिन लाखों की संख्या में भक्त पहुंचेंगे. भक्तों को भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने में किसी तरह की समस्या न हो, इसके लिए पुलिस ही सारी तैयारियां कर रही है. शुक्रवार को खुद पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने जहां आनंदेश्वर मंदिर समेत अन्य चार प्रमुख शिव मंदिरों का निरीक्षण कर तैयारियों को परखा, वहीं, आनंदेश्वर मंदिर में तैयारियों को डीसीपी सेंट्रल राजेश सिंह ने ओके बताया. डीसीपी ने कहा, कि भक्तों को दर्शन करने में किसी तरह की असुविधा नहीं होगी. पुलिस हर कदम पर भक्तों की मदद के लिए तैयार है.

गंगा का जलस्तर बढ़ा तो जल पुलिस करेगी मदद: शहर के सिविल लाइंस स्थित परमट क्षेत्र में बसे आनंदेश्वर मंदिर के ठीक सामने सावन मास में गंगा का तेज प्रवाह रहता है. कभी-कभार तो गंगा का पानी सीढ़ियों को पार करता हुआ मंदिर की चौखट तक आ जाता है. ऐसे में डीसीपी सेंट्रल ने कहा, कि अगर गंगा का जलस्तर बढ़ेगा, तो पुलिस भक्तों की मदद के लिए मुस्तैद रहेगी. बहुत अधिक संख्या बढ़ने पर पीएसी भी लगाई जाएगी. इसके अलावा घाटों पर स्टीमर भी खड़े करा लिए गए हैं. हमारी कोशिश होगी, कि किसी भी भक्त को कोई समस्या न आए.

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नवाबगंज स्थित जागेश्वर व जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर में भी पहुंचते हजारों भक्त : नवाबगंज स्थित जागेश्वर मंदिर और जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर में भी सावन के दौरान हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. जागेश्वर मंदिर में तो भक्त सावन के सोमवार से ठीक एक दिन पहले ही पहुंच जाते हैं. इसके बाद भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर वह वापस लौटते हैं. शहर में सिविल लाइंस स्थित आनंदेश्वर मंदिर और जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर ऐसे मंदिर हैं, जो गंगा के तट पर बसे हैं. जबकि नवाबगंज स्थित जागेश्वर मंदिर में मान्यता है, कि यहां भगवान भोलेनाथ का स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है.

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