दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

पेड़ काटने का मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले सौरभ भारद्वाज ने चीफ जस्टिस से लगाई गुहार - Tree Cutting Case In Delhi - TREE CUTTING CASE IN DELHI

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने छतरपुर व सतबड़ी में पेड़ों की कटाई मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से अनुरोध किया है कि वह डीडीए के हलफनामें को एक बार पढ़ें. कल इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. जानें क्या है पूरा मामला...

delhi news
पेड़ काटने का मामला (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 28, 2024, 10:51 PM IST

नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर व सतबड़ी में डीडीए द्वारा 1100 पेड़ों के काटने की मामले की गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई निर्धारित है. इससे पहले मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को सचिवालय में प्रेस कांफ्रेंस कर चीफ जस्टिस से अनुरोध किया है कि वह डीडीए के हलफनामे को जरूर पढ़ें. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की एक बेंच के समक्ष दिल्ली के सतबड़ी इलाके के रिज एरिया में लगभग 1100 पेड़ों को गैर कानूनी तरीके से काटे जाने का मामला सुना जाएगा.

उन्होंने कहा कि डीडीए के वाइस चेयरमैन द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दाखिल किए गए हालतनामे को यदि चीफ जस्टिस एक बार पढ़ ले, तो उन्हें न केवल पर्यावरण के बारे में और न केवल डीडीए विभाग के बारे में बल्कि केंद्र सरकार और उनके द्वारा नियुक्त किए गए उपराज्यपाल के बारे में सब कुछ पता चल जाएगा.

डीडीए के ठेकेदार को पेड़ काटने का आदेश: सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है यदि चीफ जस्टिस इस हलफनामे को केवल 10 मिनट पढ़ लेंगे तो उन्हें पता चल जाएगा कि केंद्र में बैठी सरकार और उनके द्वारा नियुक्त किए गए उपराज्यपाल दिल्ली की चुनी हुई सरकार और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ क्या कर रहे है. उन्होंने कहा कि वे पूर्व में लगातार इस बात का खुलासा करते रहे हैं कि डीडीए विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने ईमेल के जरिए डीडीए के ठेकेदार जिसको पेड़ काटने का आदेश दिया गया था, उसे कहा कि उपराज्यपाल के मौखिक आदेश हैं कि पेड़ों को काट दिया जाए. उन्होंने कहा कि इस बिंदु पर जब कोर्ट में डीडीए के वकील से प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि हमारा ईमेल हैक कर लिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट से डीडीए ने सच छुपाया: सौरभ ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष डीडीए के वाइस चेयरमैन द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने अपने हालतनामे में इस बात के लिए माफी मांगी है और कहा है कि हमने सुप्रीम कोर्ट से सच छुपाया था, जो पेड़ पहले ही काट दिए गए थे उसके काटने की परमिशन सुप्रीम कोर्ट में पेड़ों को काटने के बाद मांगने गए थे. इस झूठ के लिए उन्होंने माफी मांगी. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस हलफनामा के मुताबिक डीडीए के वाइस चेयरमैन साहब 16 फरवरी से 2 मार्च तक छुट्टी पर थे. उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम था कि गैर कानूनी तरीके से पेड़ काटे जा रहे हैं और यदि यह मामला गरमाया तो इसकी आंच मुझ तक भी आएगी, इसीलिए वह पहले ही छुट्टी लेकर चले गए.

डीडीए ने पेड़ काटे जाने की बात स्वीकारी: डीडीए द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे में ही लिखी एक और जानकारी पत्रकारों के साथ साझा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस हलफनामे में डीडीए ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि उनके द्वारा 468 पेड़ वन्य क्षेत्र के और 174 पेड़ गैर वन्य क्षेत्र के काटे गए हैं. भारद्वाज ने कहा कि हालांकि हमारा आंकड़ा लगभग 1100 पेड़ काटे जाने का है, परंतु यह बड़ी बात है कि डीडीए ने कम से कम इतने पेड़ काटे जाने की बात स्वीकार की है. पहले तो पेड़ काटने की बात से ही इनकार किया जाता रहा.

निचले स्तर के अधिकारियों पर दोष: सौरभ भारद्वाज ने कि जिस ठेकेदार ने यह पेड़ काटे उसने अपने हलफनामे में इस बात को कहा है कि डीडीए के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, जेई और ऐई लगातार इस जगह का दौरा करते रहे हैं, इसीलिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और ऐई तथा डीडीए विभाग के लिए अब झूठ बोलने की कोई गुंजाइश नहीं बची है. सौरभ ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में यह सारा दोष तीन निचले स्तर अधिकारियों पर थोप दिया गया है, जिसमें एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर शामिल है.

उन्होंने कहा कि वे उपराज्यपाल से जानना चाहते हैं कि इतने निचले स्तर के यह छोटे-छोटे अधिकारी इतने सारे पेड़ गैर कानूनी तरीके से क्यों काटेंगे? इस प्रकार गैर कानूनी तरीके से इतने पेड़ काटने से इन लोगों को क्या लाभ प्राप्त होगा? एक अन्य प्रश्न पूछते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब हलफनामे में यह बात साफ तौर पर लिखी है, कि 13 तारीख को वन विभाग के अधिकारियों ने आकर पेड़ों की कटाई रुकवा दी थी, क्योंकि पेड़ों को काटने की परमिशन डीडीए के पास नहीं थी, तो 14 तारीख को आखिर ऐसा क्या हुआ कि अगले 10 दिन तक लगातार पेड़ों की कटाई वहां चली और ना तो वन विभाग के किसी अधिकारी, ना ही डीडीए के किसी अधिकारी और ना ही पुलिस विभाग के किसी अधिकारी ने वहां जाकर देखा और इस काम को रोकने की कोशिश की?

ये भी पढ़ें:1100 पेड़ों की कटाई मामला: सौरभ भारद्वाज ने एलजी से मांगा इस्तीफा, दी खुली बहस की चुनौती

ये भी पढ़ें:पेड़ काटे जाने पर क्यों नहीं हुई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई?, LG से मंत्री भारद्वाज के सवाल

ABOUT THE AUTHOR

...view details