वाराणसी :बनारस की बनारसी साड़ी की पूरी दुनिया दीवानी है. हर जगह उसकी धुन नजर आती है. एक बार फिर से बनारस की साड़ी की एक विधा इन दिनों का चर्चा में है जो है जंगला साड़ी. इस साड़ी को देश के बड़े कारोबारी मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी ने एक अवॉर्ड शो के दौरान पहना था, जो खूब चर्चा का विषय बनी हुई है. यह जंगला साड़ी बनारस की पुरानी परंपरा की साड़ी रही है. बीच में इसे बनाना बंद कर दिया गया था. मगर कुछ कारीगर इसे आज भी बनाते हैं. नीता अंबानी ने जिस साड़ी को पहना था वह जंगला साड़ी आधुनिक तकनीक से बनी हुई है.
बनारस की कलाकारी का आज हर कोई दीवाना है. यहां पर बनने वाले काष्ठकला से लेकर शिल्पकला तक की मांग देश की नहीं विदेशों में भी है. बनारस में विद्वान भी हैं तो कलाकार भी हैं. यहां के खिलौने भी फेमस हैं और कपड़े भी. इसी का एक उदाहरण पेश किया है नीता अंबानी ने. नीता अंबानी ने बनारस की फेमस जंगला साड़ी पहनकर खूब सुर्खियां बटोरी हैं. यह जंगला साड़ी बनारस की पारंपरिक साड़ी रही है. पुराने समय में इसे खूब बनाया जाता था. मगर आज स्थिति यह है कि इसको बनाने वाले कारीगरों की संख्या बहुत ही कम हो गई है. वहीं जंगला को तैयार करने में करीब एक महीने से लेकर तीन महीने तक का समय लग जाता है.
70 के दशक में था जंगला साड़ी का चलन :इस साड़ी की खासियत को लेकर वस्त्र एसोसिएशन के पदाधिकारी राजन बहल बताते हैं कि, यह एक पुरातन पद्धति बनारसी साड़ी में चलती रही है. जंगला साड़ी दोबारा वापस आई है. जंगला साड़ी का मतलब होता है, जंगल. जो चारों तरफ से भरी हो और बीच में कुछ हो. उसको जंगला साड़ी कहते हैं. नीता अंबानी ने जो साड़ी पहनी है वह बहुत ही अच्छी साड़ी है. इसमें कोई दो राय नहीं है. वह भी एक नई तकनीक से बनी हुई साड़ी है. जंगला में थोड़ा सा परिवर्तन करके उसको बनाया गया है. उसको भी जंगला ही कह सकते हैं. 70 के दशक में जब बनारसी साड़ी प्रभाव में थी तब जंगला साड़ी की बहुत डिमांड थी.