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मानसून में 1350 हेक्टर में होगा पौधरोपण, 8 लाख पौधे तैयार, पिछले साल के 3 लाख भी होंगे वितरित - Saplings will be planted in chittor

चित्तौड़गढ़ में वन विभाग ने पौधरोपण की तैयारियां शुरू कर दी है. विभाग की नर्सरी में पौध तैयार करने की शुरूआत हो गई है. विभाग का प्रयास है कि मानसून की पहली बारिश के साथ ही पौधे वितरित करने का काम शुरू कर दिया जाए. इसके लिए इस बार 8 लाख पौधे तैयार किए जाएंगे.

Forest department will prepare eight lakh saplings in Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ में वन विभाग तैयार करेगा आठ लाख पौधे (photo etv bharat chittorgarh)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 17, 2024, 5:20 PM IST

मानसून में 1350 हेक्टर में होगा पौधरोपण (video etv bharat chittorgarh)

चित्तौड़गढ़. मानसून सीजन आने के साथ ही वन विभाग पौधरोपण की तैयारी में जुट गया है. इस बार करीब 1350 हेक्टर वन क्षेत्र में पौधरोपण होगा. वितरण के लिए लगभग 11 लाख पौधों का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि, इनमें से साढ़े 3 लाख से अधिक पौधे गत वर्ष के हैं. उन्हे भी इस साल बांटा जाएगा. विभाग की 17 नर्सरियों में करीब आठ लाख पौधे तैयार हो चुके हैं.

उपवन संरक्षक विजय शंकर पांडे ने बताया कि वर्ष 2024 -25 के लिए विभाग की ओर से 1350 हेक्टर वन इलाके में पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. वन इलाके के साथ आउट साइड फॉरेस्ट के तहत वितरण के लिए विभाग की नर्सरी में 7 लाख 81 हजार 642 पौधे करीब करीब तैयार हो चुके हैं. इसके अलावा पिछले साल के 3 लाख 57 हजार पौधे भी बचे हुए हैं.

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पहली बारिश से होगी शुरुआत: पांडे ने बताया कि विभाग द्वारा जिला अधिकारी योजना भी जारी कर दी गई. इसके तहत पहली बारिश से पौधरोपण के साथ पौधों का वितरण शुरू हो जाएगा. इसके लिए सारे विभागों की डिमांड की सूची तैयार कर ली गई.

नर्सरी से मिलेंगे छायादार और फलदार, फूलदार पौधे: पांडे के अनुसार जिले में नर्सरी में वितरण के लिए बड़ी साइज के छायादार, फलदार और फूलदार पौधे तैयार किए गए हैं. इनमें अमरुद, सीताफल, पपीता, आम, अनार, नींबू, जामुन और बिल्व पत्र सहित कई किस्म के पौधे शामिल हैं. यह पौधे कोई भी व्यक्ति विभागीय नर्सरी से खरीद सकेगा. बल्क में खरीदारी पर 50 से 75 प्रतिशत तक की छूट रखी गई है.

यूआईटी ने एक भी पौधा नहीं खरीदा: पता चला है कि वर्ष 2023-24 में लगभग 3 लाख 57 हजार पौधे शेष रह गए. इसका कारण यह था कि कई संस्थाओं ने पौधरोपण के प्रति उदासीनता बरती. नगर परिषद ने डेढ़ लाख, यूआईटी 50 हजार और पंचायत में ढाई लाख पौधे खरीदने का लक्ष्य था, परंतु नगर परिषद ने एक तिहाई पौधे ही लिए, जबकि यूआईटी ने एक भी पौधा नहीं उठाया. पंचायतों ने ढाई लाख में से सिर्फ 83 हजार पौधे ही उठाए.

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