चंडीगढ़:आज साल की आखिरी एकादशी है. इस एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं. पौष का महीना चल रहा है. पौष महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है. इस दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन व्रत रख कर शुभ मुहूर्त में पूजा करने से हर बिगड़ा काम बन जाता है.
कहते हैं कि एकादशी का व्रत करने से और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से हजारों वर्ष के तप के बराबर का फल मिलता है. कहीं अगर कोई जातक इस एकादशी का व्रत करता है, तो उसकी हर काम में सफलता मिलती है, क्योंकि सफला सफलता शब्द से ही निकला हुआ शब्द है.
पूजा का शुभ मुहूर्त: पंडित विश्वनाथ शर्मा ने बताया किहिंदू पंचांग के अनुसार सफला एकादशी की शुरुआत 25 दिसंबर की रात 10:29 पर होगी, जबकि इसका समापन 27 दिसंबर की रात 12:43 पर होगा. उदया तिथि के अनुसार सफला एकादशी का व्रत 26 दिसंबर के दिन रखा जाएगा. व्रत का पारण 27 दिसंबर को सुबह 7:12 से लेकर 9:16 तक किया जाएगा. पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 7:11 से लेकर 8:29 तक रहेगा. दूसरा शुभ मुहूर्त 12:21 से लेकर 1:45 तक रहेगा. तीसरा शुभ मुहूर्त 1:39 से लेकर 2:56 तक रहेगा. चौथा शुभ मुहूर्त 4:13 से शुरू होकर शाम के 7:13 तक रहेगा. इन मुहूर्तों में पूजा करना शुभ होगा.
'सफला एकादशी व्रत से दूर होगा हर संकट':पंडित विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि सफला एकादशी का व्रत करने से परिवार में खुशी बनी रहती है. आर्थिक संकट दूर होता है. साथ ही सुख समृद्धि आती है. व्रत करने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है. इस एकादशी का व्रत करने से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है. घर में उनका आशीर्वाद बना रहता है. इन दिन नदी में स्नान करने के बाद दान करने से कई गुना फल मिलता है.