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संत देवकी नन्दन ठाकुर बोले, मौलवी वेतन तो पुजारियों को क्यों नहीं; सनातन बोर्ड भी बनना चाहिए

Lucknow News: लखनऊ में संत देवकी नन्दन ठाकुर मो वक्फ बोर्ड की तर्ज पर सनातन बोर्ड के गठन की मांग को उठाया.

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संत देवकी नन्दन ठाकुर. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 11, 2024, 10:24 PM IST

लखनऊ: प्रसिद्ध संत देवकीनन्दन ठाकुर ने वक्फ बोर्ड की तर्ज पर सनातन बोर्ड के गठन का मुद्दा सोमवार को लखनऊ में उठाया. लखनऊ प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस करके उन्होंने कहा कि यह सनातनियों की आस्था का विषय है. आने वाली पीढ़ी की सुरक्षा का विषय है. यह विषय ऐसा है जिस पर बात किए बगैर हम लोग रह नहीं सकते.

अगर मौलवी को 15 हजार तो पुजारियों को क्यों नहीं:महाराष्ट्र के कुछ संगठनों का कहना है कि वक्फ बोर्ड के बिल का विरोध करिए, 10 प्रतिशत नौकरियों में आरक्षण दीजिए, जितने भी मस्जिद में मौलवी हैं उनको 15 हजार रुपये वेतन दीजिए तो हम आपको समर्थन करेंगे. संगठनों की इस मांग का हमको कोई एतराज नहीं है लेकिन विपक्ष के जो नेता हैं, उनसे हम मांग करते हैं कि सबके लिए समान अधिकार होने चाहिए.

लखनऊ में मीडिया से बात करते संत देवकी नन्दन ठाकुर. (Video Credit; ETV Bharat)

अगर मौलवी को 15 हजार रुपये दे रहे हैं तो मन्दिर के हर पुजारी को 15 हजार की घोषणा सरकार को करनी चाहिए. अगर मदरसा के लिए अलग फंड की व्यवस्था कर रहे हैं तो गुरुकुल के लिए भी फंड की व्यवस्था करनी चाहिए. इन्हीं सब मांगों के लिए हम सनातन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे हैं.

तिरुपति बालाजी मन्दिर के प्रसाद में मिलावट करने वालों को मिले सख्त सजा:देवकी नन्दन ठाकुर ने कहा कि बालाजी में करोड़ों सनातनियों की श्रद्धा है. मन्दिर के प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आया है. प्रसाद में पशुओं की चर्बी मिलाई गई. उन पूजन स्थलो में जहां हमारे देवी देवता निवास करते हैं, उन मन्दिरों में ऐसे लोग कार्य करते हैं जिनकी आस्था धर्म में नहीं है. अन्य धर्म के मानने वालों को मन्दिर में लगवाया गया है. उनको हमारी श्रद्धा से कोई लेना देना नहीं है. बाला जी मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में इस तरह की घटना न कर सकें.

16 नवंबर को दिल्ली में धर्म संसद: देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि सनातन बोर्ड की मांग को लेकर 16 नवम्बर को विशाल धर्म संसद का आयोजन दिल्ली में किया गया है. सभी सनातनियों से निवेदन है कि दिल्ली पहुंचकर अपनी ताकत का अहसास सरकार को कराएं. जिससे सरकार सनातन बोर्ड के कार्य को जल्द से जल्द कराए.

देश की आजादी के समय वक्फ बोर्ड का गठन तो कर दिया लेकिन सनातन बोर्ड का गठन नहीं किया. सभी मन्दिरों को सरकार ने अपने अधीन कर लिया. पूर्व की सरकारों ने मन्दिरों के धन का दुरुपयोग किया है. सनातनियों ने आजादी के बाद बहुत दुख सहा है. बहन बेटियों के टुकडे़ होते देखे हैं. हमने मन्दिर के प्रसाद में मिलावट होते देखी है.

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