लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी दलित समाज के युवा पीढ़ी को जोड़ने में लगी है. सोशल मीडिया पर एक्टिव दलित समाज के युवाओं को अपना बनाने में पार्टी जुटी है. इनके दम पर ही बीजेपी विरोधियों को मात देने में लगी है.
संविधान बचाने के नाम पर विपक्ष ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाया. अब बीजेपी भी विपक्ष को दलित विरोधी बताने वाले अभियान में जुटी है. इस मुहिम में दलित युवा को बीजेपी से जोड़ा जा रहा है.
छात्रों से मिल रहे पार्टी के नेता: कॉलेज, युनिवर्सिटी, पॉलिटेक्निक से लेकर इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों तक पार्टी के लोग पहुंच रहे हैं. स्टूडेंट से मिल रहे हैं और शिक्षकों से भी. सामाजिक न्याय संगोष्ठी के नाम से दलितों को जोड़ने वाली इस तरह की बैठकें हो रही हैं.
लखनऊ के भागीरथी भवन में शुक्रवार को आयोजित बैठक में लखनऊ यूनिवर्सिटी, आंबेडकर विश्वविद्यालय और शकुतंला मिश्रा यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट बुलाए गए. संस्थानों के कई प्रोफ़ेसरों को भी आमंत्रित किया गया.
दलितों को दी जा रही हिस्सेदारी: बैठक में महामंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि कैसे बीजेपी और संघ मिलकर दलितों के हितों के लिए काम कर रहे हैं. विपक्षी पार्टियां खासतौर से कांग्रेस आरएसएस को आरक्षण विरोधी बताती रही है.
धर्मपाल सिंह ने बताया कि बाबा साहेब अंबेडकर की जन्म भूमि, कर्म भूमि और दीक्षा भूमि के लिए मोदी सरकार ने क्या किया. सत्ता में किस तरह से दलितों को हिस्सेदारी दी जा रही है.
राज्य में करीब 21 प्रतिशत दलित वोटर हैं. दलित समाज भी दो तरह से बंटा हुआ है. एक वो जो हिंदू रीती-नीति से जुड़ा है. दूसरा तबका बौद्ध धर्म का अनुयायी है.
बीजेपी नेता नीरज सिंह ने बताया, हर दो महीने पर योजना की समीक्षा होगी. मतलब जिन दलित लोगों से मुलाकात की गई, वे बीजेपी से जुड़े रहें. इसके लिए प्रयास जारी रहेगा. नीरज ने कहा, दीन दयाल उपाध्याय और बाबा साहेब अंबेडकर के सपनों वाला विचार समाज ही बीजेपी की ताकत बनेगा.
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