नई दिल्ली:दिल्ली, जहां प्रधानमंत्री, मंत्री, विदेशी राजदूत और सांसद भी रहते हैं, अब अपराधों का गढ़ बनती जा रही है. इस गंभीर समस्या को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने स्पष्ट चिंता व्यक्त की है. उन्होंने दिल्ली में बढ़ते अपराध और जनप्रतिनिधियों को मिल रही धमकियों पर चर्चा कराने के लिए राज्यसभा में प्रस्ताव दिया है, जिसमें नियम 267 के तहत कार्य स्थगन की मांग की गई है.
प्रस्ताव का उद्देश्य:संजय सिंह ने अपने प्रस्ताव में राजधानी दिल्ली की बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने हाल की घटनाओं का उल्लेख किया जिसमें शालीमार बाग में एक निर्दोष बच्चे की निर्मम हत्या और प्रशांत विहार में हुए बम विस्फोट शामिल हैं. इन घटनाओं ने न केवल दिल्लीवासियों को झकझोर दिया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं.
बढ़ती असुरक्षा का माहौल:पिछले सप्ताह दिल्ली के 44 स्कूलों को बम विस्फोट की धमकियां मिलीं, जिससे अभिभावकों और बच्चों में असुरक्षा का माहौल बन गया है. यह सभी घटनाएं एक ही समय में हो रही हैं, जब देश की संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. संजय सिंह ने बताया कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था की विफलता इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है, जिसको रोकने की आवश्यकता है.
राजनीतिक तनाव और सुरक्षा की खामियां:दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हाल में पदयात्रा के दौरान हुए हमले ने भी सार्वजनिक सुरक्षा की खामियों को उजागर किया है. संजय सिंह का कहना है कि यदि ऐसी घटनाएं होती रहीं, तो न केवल राजनीतिक तनाव बढ़ेगा, बल्कि दिल्ली की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाई जाएगी.
संजय सिंह ने कहा कि उनके प्रस्ताव का उद्देश्य केवल चर्चा करना नहीं है, बल्कि यह समझाना भी है कि दिल्ली में विभिन्न प्रकार की घटनाएं, चाहे वह हत्या हो, धमकी हो, या हमले, उन सभी मामलों में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है. उन्होंने राज्यसभा के महासचिव को भेजे अपने प्रस्ताव में सख्ती से अनुरोध किया है कि इस विषय पर सभी सदस्यों को एकत्रित कर एक महत्वपूर्ण चर्चा की जाए.