छत्तीसगढ़ में संदेशखाली घटना का विरोध,पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी का फूंका पुतला
Sandeshkhali incident Effect in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में संदेशखाली घटना के विरोध का असर देखने को मिला है. रायपुर में बीजेपी महिला मोर्चा ने पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी का पुतला फूंका है.
रायपुर में पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी का फूंका पुतला
रायपुर: रायपुर सहित प्रदेश के दूसरे जिलों में भाजपा महिला मोर्चा की ओर से शुक्रवार को संदेशखाली घटना का विरोध किया गया. महिला मोर्चा की ओर से रायपुर में धरना प्रदर्शन करने के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंका गया. इस दौरान महिलाओं में संदेशखाली घटना को लेकर आक्रोश देखने को मिला. महिलाओं ने बंगाल की मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
संदेशखाली में टीएमसी नेता महिलाओं का करता था यौन शोषण: दरअसल, पश्चिम बंगाल के संदेश खाली में महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म और अनाचार के साथ ही आतंक फैलाए जाने के विरोध में महिला मोर्चा की प्रदेश इकाई ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंक कर विरोध जताया. संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों ने न केवल खुलेआम आतंक फैलाया बल्कि महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया. साथ ही गरीबों और सरकारी कैंप की जमीनों पर भी कब्जा कर लिया था. इतना ही नहीं प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर भी शाहजहां शेख के समर्थकों ने हमला कर दिया था.
55 दिन बाद हुई गिरफ्तारी:इस बारे में बीजेपी महिला मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि, "पश्चिम बंगाल में एक महिला मुख्यमंत्री होने के बाद भी पश्चिम बंगाल में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारीयों के साथ गुंडागर्दी की जाती है. फिर एफआईआर दर्ज कराई जाती है. टीएमसी नेता की ओर से महिलाओं के साथ यौन शोषण और अत्याचार की घटनाएं हो रही है. भले ही पुलिस ने टीएमसी नेता को गिरफ्तार किया हो लेकिन इस गिरफ्तारी में 55 दिन लग गए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम रही. ऐसे मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए."
बता दें कि रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर शुक्रवार को बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश इकाई की ओर से बंगाल की मुख्यमंत्री का पुतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की. रायपुर के साथ ही प्रदेश के कई जिलों में संदेशखाली का विरोध देखने को मिला.