पटनाःडिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के ट्वीट पर सवाल उठाया है. कहा कि लालू यादव को यह सब बोलने का कोई अधिकार नहीं है. उनके राज्य में आईएएस अधिकारी की पत्नी सेफ नहीं थी. उन जंगल राज के बारे में लालू यादव क्यों नहीं कुछ कहते हैं. बता दें कि लालू यादव की ट्वीट से बिहार की राजनीति में हड़कंप मची है.
"लोकतंत्र में अपनी बात रखने का अधिकार है. लालू जी को याद करना चाहिए की 15 साल जो उनका राज था उसमें कोई शासन ही नहीं था. आईएएस ऑफिसर की पत्नी तक सेफ नहीं होती थी. वह राज लालू जी चलाते थे. उनको तो बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है." -सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम, बिहार
सम्राट चौधरी (ETV Bharat) तेजस्वी यादव की पोस्ट पर प्रतिक्रियाः दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार में आपराधिक घटनाओं का लिस्ट बनाकर रोज सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं. 28 सितंबर को भी तेजस्वी यादव ने आपराधिक घटनाओं का लिस्ट जारी किया है. 20 आपराधिक घटनाओं का लिस्ट जारी किया है जिसमें बलात्कार, शोषण और दुष्कर्म की घटना शामिल है. इसी पोस्ट पर लालू यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रिपोस्ट किया है.
उपेंद्र कुशवाहा ने भी लालू पर साधा निशानाः लालू यादव ने 32 बार बिहार=बलात्कार लिखा है. लालू यादव के इस पोस्ट पर उपेंद्र कुशवाहा ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि लालू यादव बिहार को अपमानित करने का काम कर रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ' लालू जी जिस बिहार ने आपको अपने पलकों पर बिठाया, इतना विश्वास व्यक्त किया...! आज उसी बिहार के लिए 32 बार "बिहार=बलात्कार" कहना बिहारी अस्मिता और बिहार के गौरवशाली इतिहास पर हमला नहीं है क्या?
'लालू यादव को नैतिक अधिकार नहीं': उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा है कि किसी क्षेत्र में बलात्कार जैसे जघन्य अपराध होना वहां के कुछ लोगों की आपराधिक मानसिकता का परिणाम है. इसके आधार पर पूरे प्रदेश का आपके द्वारा ऐसा नामकरण करना दुर्भाग्य की बात है. खास कर जिनके शासनकाल को बिहार और देशवासियों ने जंगलराज कहा है. उन्हें तो कोई नैतिक अधिकार ही नहीं कुछ बोलने का.
सीएम हाउस में अपराध की पटकथाः कुशवाहा ने कहा कि आज यदि अपराध की कोई छिटपुट घटनाएं होती है तो अविलंब गिरफ़्तारी और स्पीडी ट्रायल होता है. आपके जमाने में तो CM हाउस में ही अपराध की पटकथा लिखी जाती थी और अपराधियों को संरक्षण दिया जाता था. आज बिहार में कोई संगठित अपराध या अपराधी नहीं है. जैसा कि आपके शासन के दौरान उन 15 वर्षों में था. आज भी रूंहें कांप जाती है उस काल को याद करके.
क्या है आईएएस की पत्नी का मामलाः मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लालू यादव की सरकार में एक आईएएस अधिकारी की पत्नी को हवस का शिकार बनाया गया था. बताया जाता है कि राजद नेता की मौजूदगी में आरोपी पत्नी के साथ बलात्कार करता था. घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि राजद विधायक का ही बेटा था. लगातार दो साल तक अधिकारी की पत्नी का रेप होता रहा. 1997 में तत्कालीन विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस घटना का खुलासा किया था.
कोर्ट ने पलट दिया था फैसलाः कोर्ट में केस चला. आरोपी को सजा भी हुई लेकिन पटना हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले को पलट दिया था. कहा था कि अधिकारी की पत्नी दो साल तक क्यों चुप रही. इसके बाद दोनों के बीच प्रेस संबंध बताकर मामला को रफा दफा कर दिया गया था. इसी घटना को नेता लालू यादव की जंगलराज की याद दिलाते हैं.
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