वाराणसी: तिरुपति प्रसाद विवाद के बाद से देशभर के प्रमुख मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद की शुद्धता को लेकर चर्चा होने लगी. जिसका असर यह हुआ कि सभी मंदिर प्रशासक प्रसाद की क्वालिटी पर विशेष ध्यान देने लगे. इसी बीच काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से करीब 8 महीने तक चली लंबी कवायद के बाद विजयादशमी पर नए प्रसाद 'तंदुल महाप्रसाद' भक्तों के लिए उपलब्ध करा दिए गए. अभी तक मंदिर प्रबंधन की निगरानी में पिछले 5 सालों से लोकल लेवल पर ही लड्डू प्रसाद का निर्माण किया जा रहा था. लेकिन शनिवार से विश्वनाथ मंदिर में पुराने प्रसाद की जगह स्पेशल प्रसाद के एक काउंटर की शुरुआत कर दी गई है. 200 ग्राम के डिब्बे में छह लड्डुओं की कीमत 120 रुपये रखी गई है. इस प्रसाद की खास बात यह है कि बाबा विश्वनाथ को चढ़ाने वाले बेलपत्र और चावल के आटे और अन्य खाद्य सामग्रियों को मिलाकर इसे बनास डेयरी में शुद्धता के साथ तैयार किया जा रहा है.
दरअसल 5 सालों से विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से समूह की महिलाओं से प्रसाद तैयार कराया जा रह था. लेकिन करीब 1 साल के रिसर्च के बाद विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से वेद और वेदांग में पारंगत लोगों से गहन मंथन करने के बाद भगवान शिव को अर्पित होने वाले प्रसाद की क्वालिटी और इसमें मिलाए जाने वाली सामाग्रियों के मिश्रण पर विचार विमर्श करने के बाद एक विशेष तरह के लड्डुओं को तैयार किया गया है. विश्वनाथ मंदिर की तरफ से तैयार किए गए प्रसाद को बनाने का जिम्मा बनास डेयरी में सौंपा गया है.
बनास डेयरी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ब्रिगेडियर विनोद बाजिया का कहना है कि, बाबा विश्वनाथ लोगों की आस्था का प्रतीक है. विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की तरफ से जो रेसिपी हमें उपलब्ध करवाई गई थी. उसमें बाबा विश्वनाथ को अर्पित होने वाली बेलपत्र, चावल का आटा, देसी घी, चीनी, इलायची, लौंग, काली मिर्च और मेवा इसके मिश्रण से इस प्रसाद को तैयार किया जा रहा. सबसे बड़ी बात यह है कि जो भी लोग प्रसाद तैयार करने के लिए लगाए जाएंगे. वह पूर्णतया सनातन धर्म से जुड़े होंगे और स्नान पूजा करने के बाद ही वह प्रसाद बनाने के कार्य में जुटेंगे. फिलाहल प्रतिदिन लगभग 1000 किलो से ज्यादा प्रसाद अभी तैयार होगा और जैसे-जैसे डिमांड बढ़ेगी वैसे-वैसे इसकी क्षमता भी बढ़ाई जाएगी. फिलहाल अमूल की ओर से खोले जा रहे काउंटर पर ही यह प्रसाद मंदिर में उपलब्ध रहेंगे.
वहीं इस प्रकरण पर कमिश्नर कौशल राज शर्मा का कहना है कि, मंदिर प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट की तरफ से लंबी तैयारी के बाद प्रसाद की क्वालिटी तय की गई है. अभी यह प्रसाद अमूल के काउंटर और बनारस के अलग-अलग हिस्सों में अमूल के काउंटर पर उपलब्ध रहेगी और आगे आने वाले समय में इसे लोगों तक पहुंचाने के लिए भी बड़ी प्लानिंग की जा रही है.