कवर्धा नगरपालिका में सैलरी संकट,तीन माह से अध्यक्ष की कुर्सी खाली, कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी
Salary crisis in Kawardha Municipality कवर्धा नगरपालिका में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने पर कर्मचारियों को तीन महीने की सैलरी नहीं मिली है.अध्यक्ष के अलावा किसी और के पास वित्तीय पावर नहीं होने से सैलरी नहीं बट सकी है. जिसके बाद अब कर्मचारी नगरपालिका के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
कबीरधाम : कवर्धा नगरपालिका के तीन सौ से अधिक कर्मचारियों ने सैलरी नहीं मिलने के कारण विरोध प्रदर्शन शुरु किया है.नाराज कर्मचारियों ने नगरपालिका गेट पर ताला जड़ा और धरने पर बैठ गए. कर्मचारियों की मांग है जब तक वेतन नहीं मिलता तब तक नगरपालिका का ताला नहीं खुलेगा और ना ही धरना खत्म होगा. वहीं इस पूरे मामले पर कर्मचारियों का वेतन नहीं मिलने का कारण बीजेपी ने कांग्रेस को जिम्मेदार बताया.
क्या है कर्मचारियों का आरोप ? :कर्मचारियों का आरोप है कि कवर्धा नगरपालिका में पिछले तीन माह से सैलरी नहीं मिला है. कर्मचारी लोगों से उधार लेकर अपना गुजारा कर रहे हैं. अब स्थिति ये है कि राशन दुकान और दूसरी जगह से मदद मिलनी बंद हो गई है. जिसके कारण परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो चुका है. वहीं अधिकारी वित्तीय पावर नहीं होने और अध्यक्ष की नियुक्ति ना होने पर भुगतान ना होने की बात कह रहे हैं.
मामले में हो रही राजनीति :बीजेपी शहर मंडल अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के आपसी मतभेद के कारण अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर भाग गए हैं. जिसका खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. कर्मचारियों का वेतन लटका हुआ है. हमने डिप्टी सीएम विजय शर्मा से बात कि है जल्द ही कोई हल निकाला जाएगा।
''अध्यक्ष के इस्तीफा देने और अधिकारी को वित्तीय पावर नहीं होने के कारण कर्मचारियों का नवम्बर- दिसंबर का तनख्वाह नहीं दिया गया है. हम प्रयास कर रहे हैं इसी समस्या को लेकर रायपुर मंत्रालय आया हूं.उम्मीद है आज कल में कर्मचारियों का वेतन भुगतान का कोई विकल्प निकल जाएगा.''नरेश शर्मा, नगरपालिका सीएमओ
क्या है पूरा मामला ?:आपको बता दें कि कवर्धा नगरपालिका में कांग्रेस के 19, बीजेपी के 07 और एक निर्दलीय पार्षद है. कांग्रेस का बहुमत होने के कारण पालिका में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस का कब्जा है.दिसंबर में कांग्रेस पार्षदों में आपसी विवाद के कारण अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया था, तब से अध्यक्ष की कुर्सी खाली है. कांग्रेस का बहुमत ज्यादा होने के कारण अध्यक्ष पद के लिए कोई भी निर्णय नहीं हो पाया है. जिसके कारण अध्यक्ष पद खाली है.वहीं वित्तीय पावर नहीं होने के कारण नगरपालिका सीएमओ कर्मचारियों को तीन माह की सैलरी देने में सक्षम नहीं है. शासन अध्यक्ष की खाली पद को पूरा करें या सीएमओ को वित्तीय पावर दे तब ही इस समस्या का निपटारा हो सकता है.