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काशी के संतों ने मुंबई में भरी हुंकार, इसे लेकर किया मंथन - वाराणसी ताजी न्यूज

काशी के संतों ने मुंबई में आयोजित सम्मेलन में भाग लेकर अहम मंथन किया. चलिए जानते इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 4, 2024, 11:25 AM IST

वाराणसी: आगामी लोकसभा चुनावों से पूर्व अखिल भारतीय सन्त समिति राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक 2 और 3 मार्च को मुम्बई स्थित रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में हुई. इस बैठक में उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के अलावा वाराणसी से बड़ी संख्या में संतों ने हिस्सा लिया मुख्य रूप से अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती की मौजूदगी इस कार्यक्रम में रही. जिसमें लोकसभा चुनाव में सरकार किसकी बन इसे लेकर मंथन हुआ.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की उपस्थिति में देशभर से आए संतों ने हिन्दू समाज से जुड़े विभिन्न विषयों पर विमर्श किया. संतों ने एक स्वर में कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर के निर्माण से पूरे देश में अभूतपूर्व हर्ष का वातावरण है. मन्दिर निर्माण का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को है इसलिए रिटर्न गिफ्ट के तौर पर हिन्दू समाज नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री के पद पर देखना चाहता है. सन्तों ने नारा दिया- राम मन्दिर का उपहार, फिर एक बार मोदी सरकार.

विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि श्रीकाशी ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि को हम संवैधानिक उपायों से प्राप्त करेंगे. श्री काशी ज्ञानवापी पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट ने भी हमारे पक्ष को मज़बूत किया है. सारे प्रमाण हमारे पक्ष में हैं. सन्त समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचल देवाचार्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल की घटनाओं पर सन्त समाज में गहरा रोष है. हिन्दू समाज को विश्वास और संबल दिलाने के लिए सन्तों का एक प्रतिनिधिमण्डल संदेशखाली जाएगा.

अखिल भारतीय सन्त समिति के महामन्त्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि नौ बिन्दुओं के अपेक्षापत्र के माध्यम से राजनीतिक दलों को हिन्दू समाज की अपेक्षाओं से अवगत कराया जाएगा. इन अपेक्षाओं को घोषणा पत्र में सम्मिलित करने वाले राजनीतिक दल को ही चुनावों में हिन्दू समाज समर्थन करेगा.

पद्मश्री स्वामी ब्रह्मानन्देशाचार्य ने कहा कि दुनिया के 100 से अधिक देशों में हिन्दू रहते हैं, जो अपने-अपने देशों के लिए सकारात्मक सामाजिक और आर्थिक योगदान करते हैं. वैश्विक हिन्दू समाज के मार्गदर्शन के लिए अखिल भारतीय सन्त समिति का अन्तरराष्ट्रीय विस्तार करते हुए 2025 के नवम्बर माह में वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि 2025 में संघ का शताब्दी वर्ष है. शताब्दी वर्ष में संघ हिन्दू समाज के समक्ष आग्रह के पाँच विषय रखेगा. सामाजिक समरसता, जन्म आधारित भेदभाव से मुक्त हिन्दू समाज, पर्यावरण संरक्षण, परिवार प्रबोधन और स्वदेशी जीवनशैली. हिन्दू समाज आर्थिक रूप से आत्म निर्भर और सांस्कृतिक दृष्टि से जड़ों को पक्का करे. उन्होंने संत समाज से इन विषयों पर मार्गदर्शन और नेतृत्व का अनुरोध किया.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता गौरीशंकर दास ने कहा कि हिन्दू समाज को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त कर मन्दिरों की वापसी का कार्य भाजपा शासित राज्यों से प्रारम्भ हो. स्वामी विश्वेश्वरानन्द गिरि ने कहा कि Hindu Money for Hindu Cause, मठ मन्दिरों को हिन्दू समाज द्वारा दान किए गए धन का उपयोग केवल हिन्दू समाज के लिए होना चाहिए.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सन्तों के आग्रह को स्वीकार करते हुए कहा कि काशी, अयोध्या और जगन्नाथ पुरी के तर्ज़ पर महाराष्ट्र के तीर्थस्थलों को विकसित किया जाएगा. महाराष्ट्र के अन्दर मिड-डे मील में केवल शाकाहारी भोजन देने के विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं.

महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि ने बताया कि उत्तराखण्ड में जनसंख्या के आंकड़ों में तेज़ी से परिवर्तन हो रहा है जिसके परिणाम पिछले दिनों हुई घटनाओं में देखने को मिले हैं. देवभूमि की यह स्थिति चिन्ताजनक है. संतों ने कहा कि समय के साथ समाज को अपडेट और अपग्रेड होते रहना चाहिए इसलिए नई हिन्दू आचार संहिता आवश्यक है. श्रीकाशी विद्वत परिषद द्वारा तैयार की जा रही संहिता के प्रारूप का कार्य अन्तिम चरण में है. इसके बाद आचार संहिता के प्रारूप की सनातन हिन्दू धर्म के 127 सम्प्रदाय के आचार्यों द्वारा समीक्षा की जाएगी.

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