नई दिल्ली/गाजियाबादः एनसीआरटीसी को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्लेटिनम रेटेड साहिबाबाद और गुलधर आरआरटीएस स्टेशनों के लिए प्रतिष्ठित आईजीबीसी द्वारा नेट-जीरो एनर्जी (ऑपरेशन) रेटिंग से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान बैंगलोर में इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) द्वारा आयोजित ग्रीन बिल्डिंग सम्मेलन 2024 में प्रदान किया गया है. देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी स्टेशन को नेट जीरो एनर्जी (ऑपरेशन) रेटिंग से सम्मानित किया गया है.
नेट-जीरो रेटिंग का मतलब खपत से ज़्यादा ऊर्जा पैदा करना:एनसीआरटीसी को इस सम्मेलन में ग्रीन स्टेशन श्रेणी में गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन के लिए भी आईजीबीसी की प्लेटिनम रेटिंग प्रदान की गई. साहिबाबाद और गुलधर आरआरटीएस स्टेशन के लिए नेट-जीरो रेटिंग का मतलब है कि इन दोनों स्टेशनों पर लगे इनहाउस सोलर रूफटॉप प्लांट, इन स्टेशनों की विद्युत खपत से ज़्यादा ऊर्जा पैदा कर रहे हैं. और पैदा की गई अतिरिक्त ऊर्जा का इस्तेमाल एनसीआरटीसी सिस्टम की दूसरी इलेक्ट्रिकल जरूरतों की आपूर्ति के लिए किया जा रहा है.
एनसीआरटीसी ने पर्यावरण के अनुकूल पहलों को लगातार प्राथमिकता दी:यह सम्मान एनसीआरटीसी की सतत विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जो शुरुआत से ही RRTS परियोजना के कार्यान्वयन में शामिल रहा है. एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस परियोजना में पर्यावरण के अनुकूल पहलों को लगातार प्राथमिकता दी है, जिससे पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता को बढ़ावा मिलता है.
परियोजना की अवधारणा से लेकर कार्यान्वयन तक, एनसीआरटीसी ने हरित प्रथाओं को अपनाया है, जिसके तहत प्री-डिज़ाइन चरण से लेकर निर्माण के प्रत्येक चरण में कार्बन उत्सर्जन कम करने लिए एनसीआरटीसी प्रतिबद्ध रही है. इन प्रथाओं में फ्लाई ऐश ईंटों का उपयोग, निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट का प्रभावी निपटान, प्राकृतिक वेंटिलेशन और ऊर्जा दक्षता के लिए डिजाइनिंग, वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करना और व्यापक सौर ऊर्जा समाधानों को शामिल करना शामिल है. गाजियाबाद आरएसएस, आरआरटीएस स्टेशनों और आरआरटीएस वायडक्ट के नीचे के क्षेत्रों में सभी निर्माण और परिचालन, दोनों चरणों में ऊर्जा उपयोग और कार्बन उत्सर्जन को महत्वपूर्ण रूप से कम करने में योगदान करते हैं, जो सतत परिवहन में एक नया मानक स्थापित करते हैं.