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दारुल उलूम देवबंद में महिलाओं की नो एंट्री से हटी रोक, महिलाओं ने कह दी बड़ी बात

Women Entry in Darul Uloom Deoband : युवतियों और महिलाओं के रील बना कर सोशल मीडिया पर डालने के बाद रोक लगी थी.

दारुल उलूम देवबंद
दारुल उलूम देवबंद (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 11, 2024, 2:13 PM IST

सहारनपुर :फतवों की नगरी दारुल प्रबंधन ने बीते 17 मई को संस्था में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा थी. जिस रोक को दारुल उलूम ने बीते दिन हटा दिया है. ऐसे अब मुस्लिम महिलाएं फिर से विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम में भ्रमण कर सकेंगी, लेकिन इसके लिए दारुल उलूम ने नियम और शर्तें लागू कर दी हैं. परिसर में घूमने के लिए बाकायदा एंट्री पास भी जारी किया जाएगा. मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक इदारे को देखना और घूमना उनके बच्चों के भविष्य को तय करता है.

दारुल उलूम देवबंद में एंट्री खुलने के बाद महिलाओं की राय. देखें खबर (Video Credit : ETV Bharat)

बता दें, इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद इस्लामिक दीनी तालीम के लिए जाना जाता है. दारुल उलूम से जारी फतवों को सभी मुस्लिम देशों में माना जाता है. दुनिया के सबसे बड़े इस इस्लामिक इदारे में कई मुस्लिमों के छात्र धार्मिक व दीनी तालीम हासिल कर रहे हैं. दारुल उलूम को देखने के लिए मुस्लिम समुदाय से ही नहीं हिन्दू, सिख और ईसाई धर्म के लोग भी आते रहते हैं. महिलाएं और युवतियां दारुल उलूम में घूमने आती रही हैं, लेकिन 17 मई को दारुल उलूम प्रबंधन ने सोशल मीडिया पर युवतियों की रील वायरल होने के बाद महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी. दारुल उलूम का कहना था कि युवतियां और महिलाएं बिना परदे के रील बना कर सोशल मीडिया पर डाल रही हैं. जिससे संस्था की बदनामी हो रही है.


दारुल उलूम में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगने के बाद खूब विरोध हुआ था. महिलाएं रोक हटाने की मांग हो रही थीं. जिसके चलते दारुल उलूम प्रबंधन ने विचार-विमर्श के बाद शुक्रवार से महिलाओं को संस्था में घूमने की सशर्त और नियमानुसार अनुमति दे दी. इसके तहत विजिटर पास समेत कई तरह के नियम कायदों के दायरे में रहकर ही दारुल उलूम में महिलाओं को एंट्री दी जाएगी.

मोहतमिम कार्यालय के अनुसार अब घूमने के लिए विजिटर पास बनाए जा रहे हैं. संस्थान में सुबह 8 से शाम 4 बजे तक विजिटर की एंट्री है. वहीं दारुल उलूम में महिलाओं की नो-एंट्री से रोक हटने के बाद महिलाओं में खुशी का माहौल है. महिलाओं का कहना है कि दारुल उलूम से काफी कुछ सीखने को मिलता है. ऐसे अगर महिलाओं पर रोक लगी तो बच्चों की परवरिश में बाधा आएगी.

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