सागर। होली के त्योहार में संगीत का अपना महत्व है. चाहे वो शास्त्रीय संगीत हो या फिर लोक परंपरा के गीत हों. होली के त्योहार पर संगीत साधकों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं की हैं. ऐसे ही विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक संजीव शंकर और अश्विनी शंकर ने जब शहनाई पर "मो पर डारो ना रंग गिरधारी" की प्रस्तुति दी तो सभागार मानो होली के रंग में सराबोर हो गया. मौका था स्पिक मैके सागर चैप्टर के तहत स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में शहनाई वादन की प्रस्तुति का. जिसमें बनारस घराने के संगीतकारों की वंशावली में जन्में ठुमरी सम्राट गुरु स्वर्गीय पंडित महादेव प्रसाद मिश्र के शिष्य संजीव शंकर और अश्विनी शंकर ने शानदार प्रस्तुति दी.
शैक्षणिक संस्थानों में शहनाई वादन की प्रस्तुति
देश-विदेश में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शानदार शहनाई वादन से लोगों का दिल जीत लेने वाले शहनाई वादक संजीव शंकर और अश्विनी शंकर इन दिनों सागर में हैं. दोनों कलाकारों ने स्पिक मैके सागर चेप्टर के तहत 20 और 21 मार्च को शहर के शैक्षणिक संस्थानों में शहनाई वादन के कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम के तहत सागर के सिरोंजा स्थित स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में दोनों मशहूर कलाकारों ने शहनाई वादन की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम के अंत में जब संजीव शंकर और अश्विनी शंकर ने "मो पर डालो ना रंग गिरधारी" की प्रस्तुति दी तो सभागार में मौजूद लोग झूम उठे और होली के रंग में रंगे नजर आए.
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