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सागर के हॉस्पिटल पर प्रशासन ने जड़ा ताला, नाबालिग किशोरी का कराया था प्रसव - SAGAR MINOR ILLEGAL DELIVERY CASE

सागर में सीएमएचओ ने निजी अस्पताल पर ताला लगा दिया. नियमों को ताक पर रखकर नाबालिग लड़की का प्रसव कराया था.

SAGAR MINOR ILLEGAL DELIVERY CASE
निजी हॉस्पिटल पर प्रशासन ने जड़ा ताला (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 1, 2024, 7:47 AM IST

सागर: जिला कलेक्टर संदीप जीआर के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ. ममता तमौरी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए निजी हॉस्पिटल को बंद कर दिया है. दरअसल, पिछले दिनों अस्पताल में नाबालिग किशोरी का अवैध तरीके से प्रसव कराने का मामला सामने आया था. बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड को सूचना मिलने पर उनकी टीम ने अस्पताल पर छापेमारी की थी. जहां अस्पताल प्रबंधन ने टीम के साथ अभद्रता की, लेकिन टीम ने सख्ती से अस्पताल परिसर की जांच की, तो नाबालिग किशोरी नवजात शिशु के साथ अस्पताल परिसर की सीढ़ियों के नीचे छिपी हुई मिली थी.

अस्पताल की तालाबंदी-

सीएमएचओ डॉ. ममता तिमौरी के बताया कि "26 नवंबर 2024 को निजी हॉस्पिटल में नाबालिग लड़की का प्रसव कराया गया था. जिसकी सूचना मिलने के बाद बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड ने छापेमारी की थी. जहां नाबालिग किशोरी नवजात शिशु के साथ अस्पताल परिसर में सीढ़ियों के नीचे छिपी मिली थी. 27 नवंबर 2024 को हॉस्पिटल में जांच की गयी. जिसमें नाबालिग लड़की के प्रसव से संबंधित दस्तावेज नहीं मिले, तो जांच टीम ने अस्पताल को नाबालिग लड़की का प्रसव कराने के संबंध में नोटिस जारी किया था.

जांच टीम ने निजी अस्पताल में मारा छापा (ETV Bharat)

दरअसल, 14 अक्टूबर 2024 को निजी हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन का आवेदन डॉ. राहुल धाकड़ (एमबीबीएस) की जगह डॉ. प्रदीप रोहण (एमबीबीएस, एमडी) ने सीएमएचओ कार्यालय में जमा किया था. आवेदन में डॉ. प्रदीप रोहण का सहमति पत्र था, लेकिन दस्तावेज संलग्न नहीं थे. डॉ. प्रदीप रोहण से फोन पर बात करने पर सहमति पत्र देने की बात कही, लेकिन 28 नवंबर तक जमा नहीं किया गया. शनिवार 30 नवंबर को निजी हॉस्पिटल को बंद कर दिया गया है."

अस्पताल में जमकर हुआ हंगामा

दरअसल, 27 नवंबर बुधवार को निजी अस्पताल जमकर हंगामा हो गया. जब अस्पताल प्रबंधन द्वारा चोरी छिपे बिना कोई दस्तावेज के एक नाबालिग किशोरी का अवैध तरीके से प्रसव कराने का मामला सामने आया था. बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों को अवैध तरीके से नाबालिग किशोरी का प्रसव कराए जाने की सूचना मिली थी. सूचना पर जब टीम अस्पताल पहुंची और नाबालिग किशोरी के बारे में जानकारी चाही, तो प्रबंधन ने टीम के साथ अभद्रता की और नाबालिग किशोरी को नवजात बच्चे समेत अस्पताल में सीढ़ियों के नीचे छिपा दिया. टीम ने सख्ती बरती, तो सीढियों के नीचे प्रसूता मिली. उसके साथ नवजात शिशु था और कपड़े खून में सने हुए थे.

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