सागर।मध्य प्रदेश केसागर में पुलिस के कारनामे पुलिस प्रशासन की जमकर फजीहत करा रहे हैं. ताजा मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं. दरअसल जून 2020 में कोरोना की पहली लहर में देश में कर्फ्यू के हालात थे. तभी सिविल लाइन थाना के पथरिया जाट गांव के लोधीपुरा में रहने वाले एक परिवार में कोरोना से मौत के कारण पूरे परिवार को क्वारेंटीन किया गया था और मकान को सील कर दिया था. साथ ही पुलिस ने मकान को अपनी कस्टडी में ले लिया था.
अब तक नहीं हुआ चोरी का खुलासा
इसी दौरान मकान में चोरी हो गयी थी. जब पीड़ित परिवार को चोरी की जानकारी मिली तो पीड़ित परिवार ने इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई. चोरी की घटना के चार साल बीतने को हैं और पुलिस अब तक चोरी का खुलासा नहीं कर पायी है. उल्टे न्यायालय में केस में खात्मा के लिए प्रकरण पेश कर दिया है. न्यायालय ने पीड़ित परिवार को बुलाकर केस खत्म करने को लेकर उनका पक्ष जाना तो पीड़ितों ने केस खात्म करने से इंकार कर दिया.
ये है पूरा मामला
सेना में महार रेजिमेंट में पदस्थ सागर के पथरिया जाट गांव के लोधीपुरा के रहने वाले अनिल कुमार प्रजापति ने 20 जून 2020 को सिविल लाइन थाना में चोरी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी. उन्होंने बताया था कि ''11 जून 2020 को मेरे पिता प्रहलाद प्रजापति की तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया और कोरोना का टेस्ट किया गया. 13 जून को मेरे पिता कोरोना पॉजीटिव पाए गए. इसके बाद 14 जून को सरकार की व्यवस्था के तहत मेरे पूरे परिवार को क्वारंटीन कर दिया गया.''
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