सागर: बदहाली और पिछडे़पन के लिए जाने जाने वाले बुंदेलखंड के दिन फिरने वाले हैं. ज्यादातर सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखंड इलाके की केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के चलते किस्मत बदलने वाली है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के देखे इस सपने के साकार होने का वक्त आ गया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसंबर को केन बेतवा लिंक परियोजना के प्रथम चरण का शिलान्यास करने खजुराहो के मेला ग्राउंड पहुंच रहे हैं.
परियोजना में 90% खर्च केंद्र सरकार कर रही है
पहले चरण में छतरपुर और पन्ना जिले की सीमा पर ढोढन बांध बनाया जाना प्रस्तावित है. इस बांध की लागत 3 हजार 400 करोड़ रुपए है. परियोजना में 90 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार कर रही है और 10 प्रतिशत राज्य सरकार करेगी. बांध के लिए भूमि अधिग्रहण का काम करीब 60 फीसदी पूरा हो चुका है. दो चरणों में पूरी होने वाली परियोजना का काम 8 साल में पूरा हो जाएगा.
अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर होगा परियोजना का शिलान्यास (ETV Bharat) पहले चरण में ढोढन गांव के पास बनेगा बांध
केन बेतवा लिंक परियोजना की बात करें, तो 22 दिसंबर 2021 को इस योजना के लिए बजट 44 हजार 605 करोड का बजट स्वीकृत किया गया था. यूपी और एमपी के बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने वाली इस योजना के तहत मध्यप्रदेश में सात बांध बनाए जाने हैं. इसी कड़ी में पहले चरण में छतरपुर पन्ना की सीमा पर केन नदी पर ढोढन गांव के पास बांध बनाकर पानी रोका जाएगा, जो बेतवा नदी में पहुंचाया जाएगा.
केन नदी पर बनेगा 3 हजार 4 सौ करोड की लागत से बांध (ETV Bharat) 4 हजार से ज्यादा तालाब हो जाएंगे रिचार्ज
इससे जुडे कामों में निम्न स्तरीय और उच्च स्तरीय सुरंग, 221 किलोमीटर केन-बेतवा लिंक नहर और पावर प्लांट का निर्माण कार्य किया जाना है. केन-बेतवा नदियों के जुड़ने से छतरपुर जिले की 3 लाख 11 हजार 151 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी. ये नदियां जुड़ जाने से इलाके में खेती किसानी को बहुत फायदा होगा. सूखा प्रभावित इलाके में खेती किसानी आसान होगी. सबसे बड़ा फायदा बुंदेलखंड इलाके के 4 हजार से ज्यादा तालाब एक तरह से रिचार्ज हो जाएंगे.
दूसरे चरण में बेतवा से जुड़ी सहायक नदियों पर बनेंगे बांध
पहले चरण में ढोढन बांध बन जाने के बाद यहां भरने वाला पानी नहर के जरिए बेतवा नदी तक जाएगा. फिर दूसरे और आखिरी चरण में विदिशा जिले में बेतवा नदी पर चार बांध बनाए जाएंगे. इसके अलावा सागर जिले के बीना में बेतवा की सहायक नदी बीना नदी पर शिवपुरी जिले में उर नदी पर बांधों का निर्माण किया जाना है. दोनों फेज में कुल सात बांध बनाए जाएंगे. प्रोजेक्ट के दोनों चरण पूरे होने पर करीब 10 लाख 62 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. परियोजना से पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र में कृषि से जुडी गतिविधियों का बढावा मिलेगा. स्थानीय स्तर पर रोजगार बढेगा और बुंदेलखंड से होने वाला पलायन रूकेगा.
केन बेतवा लिंक परियोजना एक नजर
परियोजना लागत - 44 हजार 605 करोड़ रुपए
परियोजना के चरण - दो चरण
परियोजना की अवधि - आठ साल
सिंचाई का कुल रकबा– 10 लाख 62 हजार हैक्टेयर
किसानों को लाभ – एमपी-यूपी के 62 लाख किसान
बिजली-
जल विद्युत परियोजना – 103 मेगावाट
सौर विद्युत परियोजना – 27 मेगावाट
मध्यप्रदेश के 9 जिलों को होगा लाभ
ये परियोजना मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने वाली है. मध्यप्रदेश में टीकमगढ़ पन्ना, छतरपुर, दमोह, सागर और दतिया जिले लाभांवित होंगे. इसके अलावा विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले को भी जल आपूर्ति होगी. उत्तरप्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी, ललितपुर जिले को भरपूर फायदा मिलेगा. बुंदेलखंड में सूखा और पेयजल की समस्या का निदान होगा.