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रामनिवास रावत की हार के बाद निर्मला सप्रे की उड़ी नींद! 'चुनाव हुआ तो जीतेगी कांग्रेस' - RAMNIWAS RAWAT VS NIRMALA SAPRE

मंत्री पद पर रहने के बावजूद रामनिवास रावत की हार ने दल-बदलुओं की चिंता बढ़ा दी है. बीना में दिख सकता है विजयपुर का नतीजा.

RAMNIWAS RAWAT VS NIRMALA SAPRE
रामनिवास रावत की हार के बाद निर्मला सप्रे की उड़ी नींद! (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 24, 2024, 4:04 PM IST

सागर:बीजेपी भले ही महाराष्ट्र की बंपर जीत का जश्न मना रही है लेकिन मध्य प्रदेश उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी संगठन और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आमद देने वाले नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं. खासकर सागर में इन नतीजों को लेकर बीना में संभावित उपचुनाव को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है, क्योंकि बीना की कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे सार्वजनिक तौर पर बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं लेकिन सियासी गणित के हिसाब से उन्होंने अभी कांग्रेस विधायक के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया है.

विजयपुर चुनाव के बाद निर्मला सप्रे की उड़ी नींद!

ऐसे में भविष्य में उपचुनाव की स्थिति बनती है तो निर्मला सप्रे के लिए रामनिवास रावत जैसी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. हालत ये है कि कांग्रेस उन्हें अब अपनाने तैयार नहीं है और स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता उन्हें स्वीकार नहीं कर रहे हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गरम है कि विजयपुर चुनाव के बाद निर्मला सप्रे की तो नींद उड़ गई होगी.

विधानसभा चुनाव में करीब तीन चौथाई सीटों से जीत हासिल करने वाली भाजपा को अंदाजा नहीं होगा कि सत्ता में रहते हुए विधानसभा उपचुनावों में मध्य प्रदेश की जनता उनको सबक सिखा सकती है लेकिन बुधनी और विजयपुर विधानसभा के उपचुनावों के परिणामों ने मध्यप्रदेश में महाराष्ट्र की बंपर जीत के स्वाद को फीका जरुर कर दिया है.

एमपी के उपचुनावों के परिणामों ने बढ़ाई चिंता

विजयपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा ने बीजेपी प्रत्याशी वनमंत्री रामनिवास रावत को 7 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त दी है. ऐसा ही हाल कुछ बुधनी विधानसभा सीट का रहा. बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली इस सीट से चुनाव परिणाम ने बीजेपी को अंदर से हिलाकर रख दिया है. यहां बमुश्किल 13 हजार मतों से बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव कांग्रेस के राजकुमार पटेल से चुनाव जीत पाए हैं. मतगणना के दौरान तो कई बार ऐसे हालात बने कि बुधनी में भी भाजपा की हार की चर्चाएं तेज हो गयी थीं.

बीना चुनाव की चर्चाओं का बाजार गर्म

इन दोनों चुनाव परिणाम की चर्चा पूरे मध्य प्रदेश में है और खासकर सागर जिले में कुछ ज्यादा ही है. बीना में संभावित उपचुनाव को लेकर ऐसे ही परिणाम के कयास लगाए जा रहे हैं, हांलाकि निर्मला सप्रे को लेकर मामला फिलहाल कानूनी दांवपेंच में फंसा है. निर्मला सप्रे द्वारा कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा नहीं देने और बीजेपी के कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद विधानसभा स्पीकर ने अब तक निर्मला सप्रे पर फैसला नहीं दिया गया है. वहीं कांग्रेस हाइकोर्ट जाने की तैयारी में हैं, दूसरी तरफ विजयपुर और बुधनी के परिणामों ने भाजपा और निर्मला सप्रे की नींद तो उड़ा ही दी होगी.

फिलहाल हालत ये है कि कांग्रेस निर्मला सप्रे को फिर अपनाने तैयार नहीं है, वहीं बीना की स्थानीय बीजेपी उन्हें आत्मसात नहीं कर पा रही है. ऐसे में अगर बीना में भी उपचुनाव हुए तो विजयपुर का परिणाम आ सकता है. बीना की जनता और कांग्रेस कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर विजयपुर परिणाम को लेकर जमकर चटकारे ले रही है.

'चुनाव हुआ तो जीतेगी कांग्रेस'

कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष और पूर्व सांसद आनंद अहिरवारका कहना है कि "विजयपुर में जनता कांग्रेस के पक्ष में शुरू से ही रही है और कांग्रेस की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है. कांग्रेस छोड़ने वाले गद्दारों और धोखेबाजों कों जनता चुनाव में जवाब जरुर देगी. अगर बीना में चुनाव की स्थिति बनती है तो चुनाव परिणाम भी कांग्रेस के पक्ष में आएगा."

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