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राम मंदिर के कपाट खुलते ही साध्वी ऋतंभरा-उमा भारती के आंखों से छलके आंसू, नहीं आ सके आडवाणी और मनोहर जोशी

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 22, 2024, 5:25 PM IST

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ayodhya Ram Pran Pratishtha) के दौरान जैसे ही राम मंदिर के कपाट खुले तो साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती भावुक हो गईं. दोनों अपने आंसुओं को रोक नहीं पाई.

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साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती हुई भावुक

अयोध्या:पूरे हर्ष और उल्लास उत्साह के साथ 22 जनवरी की दोपहर 12:20 पर प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हो गया है. देश भर से लगभग 8000 से अधिक आमंत्रित अतिथि इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रभु श्री राम की आरती उतारने के साथ ही नवनिर्मित राम मंदिर को राम भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिया गया है. इसी के साथ लगभग 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त हो गई और प्रभु श्री राम अपने नवीन मंदिर में आसीन हो गए हैं.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आमंत्रित किए गए लगभग सभी अतिथि इस आयोजन में शामिल हुए हैं. हालांकि विपक्ष के नेताओं ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी है. इन सब के बीच उन राम भक्तों की कमी खली, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था. इस आंदोलन से जुड़े तमाम राम भक्त अब इस दुनिया में नहीं है. वहीं, डॉ मुरली मनोहर जोशी और डॉ. लालकृष्ण आडवाणी ऐसे आमंत्रित अतिथि थे, जो आमंत्रण के बाद भी स्वास्थ्य कारणों के चलते इस आयोजन में शामिल नहीं हो सके.

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छलक उठे साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती के आंसू:पूर्व में भी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जब आमंत्रण पत्र बांटे थे, उस समय इस बात की चर्चा थी कि स्वास्थ्य कारणों के चलते डॉ. मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. ट्रस्ट के महासचिव ने भी उन्हें न आने की बात कही थी और आखिरकार यह बात सच हुई. डॉ. मुरली मनोहर जोशी और आडवाणी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. वहीं पर मौजूद रहकर विवादित ढांचे के विध्वंस के समय मंच पर रहने वाली साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती इस आयोजन का हिस्सा थी.

जैसे ही प्रभु श्री राम के मंदिर के कपाट खुले, दोनों ही महिला संत अपने आंसू रोक नहीं पाई और फफक कर रो पड़ी. दोनों ही महिला संतों ने एक दूसरे को गले लगाकर खुशी के इस मौके पर अपने हर्ष को व्यक्त किया.हालांकि, आंदोलन के साथ ही रहे कई सदस्यों के इस दुनिया में ना रहने का दुख भी उन्हें था. लेकिन, आज प्रभु श्री राम जब अपने नूतन मंदिर में विराजमान हुए, तो इस पावन पुनीत अवसर को देखकर खुशी के आंसू आंखों से छलक उठे.

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